स्विटजरलैंड रवाना हुए पाक पीएम इमरान खान, विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे
By भाषा | Published: January 21, 2020 06:42 PM2020-01-21T18:42:47+5:302020-01-21T18:42:47+5:30
‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद, प्रवासी पाकिस्तानी मामलों के विशेष सहायक जुल्फिकार अब्बास बुखारी और राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के विशेष सहायक मोइद यूसुफ भी प्रधानमंत्री खान के साथ हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मंगलवार को स्विटजरलैंड के लिए रवाना हुए, जहां वह दावोस शहर में आयोजित होने वाले वार्षिक कार्यक्रम से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सहित दुनिया के कई नेताओं से मिलेंगे।
‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद, प्रवासी पाकिस्तानी मामलों के विशेष सहायक जुल्फिकार अब्बास बुखारी और राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के विशेष सहायक मोइद यूसुफ भी प्रधानमंत्री खान के साथ हैं। उसमें कहा गया कि वित्त सलाहकार अब्दुल हफीज शेख के सलाहकार और विशेष राजदूत अली जहांगीर सिद्दीकी भी दावोस में प्रधानमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल होंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने यह घोषणा की। डब्ल्यूईएफ के संस्थापक एवं कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर क्लाउस श्वाब के आमंत्रण पर खान 21 से 23 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाले इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘सम्मेलन से इतर, प्रधानमंत्री कई विश्व नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मुलाकात भी शामिल है।’’ जुलाई 2019 में खान की पहली वाशिंगटन यात्रा के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच नेतृत्व स्तर की यह तीसरी वार्ता होगी।
दोनों नेताओं ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर भी मुलाकात की थी। ट्रंप से अपनी मुलाकात से पहले खान ने शनिवार को भारत की ओर से किसी अभियान की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को भारत से कहना चाहिए कि वह भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को कश्मीर लौटने की अनुमति दे।
खान ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि भारत नियंत्रण रेखा के इस पार आम लोगों को मारने के लिए सैन्य हमले जारी रखता है तो पाकिस्तान के लिए नियंत्रण रेखा पर मूक दर्शक बना रहना मुश्किल होगा।’’ भारत का कहना है कि जनवरी 1949 में स्थापित यूएनएमओजीआईपी की उपयोगिता खत्म हो चुकी है और शिमला समझौते तथा फलस्वरूप नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद यह अप्रासंगिक हो गया है।