पाकिस्तान: इमरान खान की पार्टी ने विदेशी फंडिंग के मामले में चुनाव आयोग के फैसले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दी चुनौती
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 10, 2022 10:22 PM2022-08-10T22:22:42+5:302022-08-10T22:26:26+5:30
पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनाव आयोग के उस फैसले के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील की है, जिसमें आयोग ने इमरान खान को अवैध विदेशी फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनाव आयोग द्वारा विदेशी फंडिंग के मामले में दी गई नोटिस को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को विदेशी फंड जुटाने के मामले में दोषी ठहराया है।
मामले में बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अतिरिक्त महासचिव उमर अयूब ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ पार्टी हाईकोर्ट में गई है और कोर्ट से मांग की गई है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर चुनाव आयोग ने विदेशी फंडिंग मामले में जो नोटिस दिया है, उसे रद्द करने की मांग की गई है। इमरान खान की पार्टी ने इस मामले में चुनाव आयोग को आरोपी बनाया है।
हाईकोर्ट में मामले को चुनौती देने के बाद इमरान खान की सरकार में योजना मंत्री रहे असद उमर ने कहा कि चुनाव आयोग ने इमरान खान के खिलाफ जो फैसला दिया है, उससे उनके राजनीति जीवन पर कोई खतरा नहीं है। इमरान खान पर तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार को गिराने के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात से धन लेने का दावा किया जाता है। इस सिलसिले में चुनाव आयोग ने इमरान खान के झूठे हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कदाचार किया है।
वहीं इमरान खान की पार्टी का आरोप है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के विलावल भुट्टो तो खुद ही कहते हैं कि विदेशों से पैसे भेजने से ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी पर है। इस मामले में इमरान खान को फंसाकर चुनाव आयोग उनके प्रति पक्षपाती और राजनीतिक विरोधी बन गया है।"
मालूम हो कि बीते 2 अगस्त को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा था कि इमरान खान की पार्टी को बिजनेस टाइकून आरिफ नकवी और 34 विदेशी नागरिकों सहित 351 व्यवसायों से धन प्राप्त हुआ। पार्टी को दान देने वालों में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल है। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा कि 'अज्ञात खातों' की पड़ताल से पता चला है कि उन खातों में विदेशी धन आये हैं और उसे छिपाना "संविधान का उल्लंघन" है।
चुनाव आयोग की बेंच ने इस मामले में सर्वसम्मती से कहा कि इमरान खान की पार्टी द्वारा प्रतिबंधित फंडिंग के आरोप साबित होते हैं। इस बेंच में मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा, निसार अहमद दुर्रानी और शाह मुहम्मद जटोई शामिल थे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने अपनी जांच में यह भी पाया कि इमरान खान चुनाव के समय झूठा नामांकन फार्म जमा किया था। इस फैसले के बाद चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी को कारण धन जब्ती के लिए नोटिस जारी किया था।