पाक ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने की दूसरी वर्षगांठ पर भारत की आलोचना की

By भाषा | Updated: August 6, 2021 01:03 IST2021-08-06T01:03:28+5:302021-08-06T01:03:28+5:30

Pak criticizes India on 2nd anniversary of abrogation of special status of Jammu and Kashmir | पाक ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने की दूसरी वर्षगांठ पर भारत की आलोचना की

पाक ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने की दूसरी वर्षगांठ पर भारत की आलोचना की

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, पांच अगस्त प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा समेत पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने दो साल पहले आज के दिन जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द करने के भारत के फैसले की बृहस्पतिवार को आलोचना की और कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।

भारतीय संसद ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त 2019 को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों--जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख--में बांट दिया था। भारत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने दिल्ली के साथ अपने रिश्तों को लेकर कदम पीछे खींच लिए थे और व्यापारिक संबंध स्थगित कर दिए थे।

भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 से संबंधित मुद्दा पूरी तरह से देश का आंतरिक मामला है और जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।

प्रधानमंत्री खान ने कहा कि पांच अगस्त 2019 की भारत की एकतरफा एवं अवैध कार्रवाई को आज दो साल हो गए हैं। पाकिस्तान इस मौके पर ‘यौम-ए-इस्तेहसाल’ मना रहा है।

उन्होंने भारत पर क्षेत्र की जनसांख्यिकी में बदलाव की कोशिश का आरोप लगाते हुए दावा किया ,“इन दो साल में दुनिया अप्रत्याशित दमन का गवाह बनी है।”

खान ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए हर मंच पर अपनी आवाज उठाता रहेगा।

फौज के एक बयान के मुताबिक, जनरल बाजवा ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर के लोगों को "सैन्य घेराबंदी" में रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक कश्मीर विवाद का हल निकाला जाए।

इस बीच, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कश्मीर की स्थिति के बारे में भारतीय विदेश मंत्री के बयान को निराधार बताकर खारिज कर दिया।

विदेश कार्यालय ने 'न्यू जम्मू कश्मीर' पर भारतीय मंत्री के ट्वीट के संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, "हम भारत को याद दिलाना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में सबसे लंबे समय विचाराधीन मुद्दों में से एक है।"

विदेश कार्यालय ने पांच अगस्त, 2019 को भारत की "एकतरफा कार्रवाई" के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए यहां भारतीय राजदूत को भी तलब किया और "सख्त आपत्तिपत्र" जारी किया।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कश्मीरियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में हिस्सा लिया और बाद में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने कश्मीरी भाइयों के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत आग से खेल रहा है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को तबाह कर रहा है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं करेगा जब तक कि नई दिल्ली पांच अगस्त 2019 के अपने फैसले को रद्द नहीं करती।

रैली में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री शिबली फराज़, रेल मंत्री आज़म स्वाति और सरकार के अधिकारी व समाज के अन्य तबकों के कई लोग शामिल हुए।

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए, कुरैशी ने कहा कि पूरा पाकिस्तानी राष्ट्र और कश्मीरी लोग भारत सरकार के पांच अगस्त 2019 के "अवैध और एकतरफा" कदमों को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा, “हम कश्मीरी लोगों का समर्थन करना जारी रखेंगे।”

जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के कदम की निंदा करने के लिए विरोध रैलियां, एकजुटता वॉक और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। पूरे पाकिस्तान में सुबह नौ बजे एक मिनट का मौन रखा गया और कश्मीरियों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए एक मिनट के लिए यातायात रोका गया।

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Web Title: Pak criticizes India on 2nd anniversary of abrogation of special status of Jammu and Kashmir

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