भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान वायुसेना अड्डे पर हमला किया था?, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने किया कबूल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 28, 2025 22:41 IST2025-12-28T21:35:52+5:302025-12-28T22:41:53+5:30
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने भारत से बात करने की इच्छा व्यक्त की थी।

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लाहौरः पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कबूल किया है कि भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान वायुसेना अड्डे पर हमला किया था । यह दोनों देशों के बीच चार दिनों तक चले सशस्त्र संघर्ष के आठ महीने बाद संभवतः पहली बार है जब पाकिस्तान ने यह स्वीकार किया है। डार ने यह भी कहा कि मई में हुए संघर्ष के दौरान इस्लामाबाद ने पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया था। लेकिन उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने भारत से बात करने की इच्छा व्यक्त की थी।
पहलगाम हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के प्रतिशोध में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। इन हमलों के कारण दोनों देशों के बीच चार दिनों तक तीव्र संघर्ष हुआ और 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ यह संघर्ष समाप्त हुआ।
डार ने 2025 में पाकिस्तान की राजनयिक गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘36 घंटों के भीतर ही भारत द्वारा भेजे गए 80 ड्रोनों में से 79 को रोक दिया गया। इसके बाद भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान एयरबेस पर हमला करके गलती की, जिसके कारण पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की। डार विदेश मंत्री भी हैं।
डार ने बताया कि 10 मई को सुबह करीब 8:17 बजे अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो ने उन्हें फोन किया तथा कहा कि भारत युद्धविराम के लिए तैयार है और पूछा कि क्या पाकिस्तान सहमत होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा कि हम कभी युद्ध नहीं चाहते थे।’’ उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल ने बाद में उनसे संपर्क कर भारत से बात करने की अनुमति मांगी।
‘‘बाद में पुष्टि की कि युद्धविराम पर सहमति हो गई है।’’ डार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने सात मई के हवाई संघर्ष के दौरान सात भारतीय जेट विमानों को मार गिराया था। लेकिन उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया। मंत्री ने पाकिस्तान के इस रुख को दोहराया कि क्षेत्र में स्थायी शांति जम्मू और कश्मीर विवाद के समाधान से जुड़ी हुई है।
मई में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान “बंकर में छिपने” की सलाह दी गई थी
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खुलासा किया है कि उन्हें इस साल मई में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान “बंकर में छिपने” की सलाह दी गई थी। जरदारी ने यह खुलासा अपनी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 18वीं पुण्यतिथि के मौके पर सिंध प्रांत के लरकाना में एक कार्यक्रम में किया।
सत्ताईस दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थई। उन्होंने कहा, “मेरे एमएस (सैन्य सचिव) मेरे पास आए और कहा, 'सर, युद्ध शुरू हो गया है। मैंने उन्हें चार दिन पहले ही बता दिया था कि युद्ध होने वाला है। उन्होंने कहा, 'सर, हमें एक बंकर में चले जाना चाहिए ... मैंने कहा, 'अगर शहादत आनी है, तो यहीं आएगी। नेता बंकरों में नहीं मरते। वे युद्धभूमि में मरते हैं।
वे बंकरों में बैठकर नहीं मरते।” भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया था। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के प्रतिशोध में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस हमले के बाद चार दिन तक दोनों देशों के बीच भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के समझौते के साथ समाप्त हुई। जरदारी ने कहा, “पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन पूरी तरह से अपनी रक्षा के लिए तैयार है।”
राष्ट्रपति जरदारी ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की सराहना की और कहा कि यह भारत को दिया गया “उचित जवाब” था। जरदारी ने यह दावा भी किया कि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के रुख को स्वीकार कर रहा है और यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मुनीर की सराहना की थी।
उन्होंने यह दावा भी किया कि पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) ने ही मुनीर को फील्ड मार्शल बनवाया। उन्होंने कहा, “हमने, पीपीपी, ने जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बनवाया।’’ जरदारी के बेटे और पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इस अवसर पर बात की।