पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के खिलाफ फतवा, निर्माण रोकने के लिए हाई कोर्ट पहुंचा एक वकील

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 3, 2020 08:01 AM2020-07-03T08:01:34+5:302020-07-03T08:28:44+5:30

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद शुरू हो गया है। यहां तक कि मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। एक संस्था के मुफ्ती ने इसके खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया है।

Opposition grows in pakistan after Hindu temple of lord Krishna sanction in Islamabad | पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के खिलाफ फतवा, निर्माण रोकने के लिए हाई कोर्ट पहुंचा एक वकील

पाकिस्तान में कृष्ण मंदिर के निर्माण पर विवाद (फाइल फोटो)

Highlightsपाकिस्तान में कृष्ण मंदिर के निर्माण पर शुरू हुआ विवाद, हाई कोर्ट पहुंचा मामलापाक पीएम इमरान खान ने मंदिर निर्माण के प्रथम चरण में 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की है, अब विवाद

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पहले हिंदू मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कुछ दिनों पहले इस्लामाबाद विकास प्राधिकरण ने कृष्ण मंदिर के लिए जमीन दी थी लेकिन मजहबी शिक्षा देने वाली संस्था जामिया अशर्फिया मदरसा के एक मुफ्ती ने इसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है. इतना ही नहीं, मंदिर का निर्माण रोकने के लिए एक वकील हाईकोर्ट तक पहुंच गया.

23 जून को एक साधारण कार्यक्रम में सांसद और मानवाधिकार मामलों के संसदीय सचिव लाल चंद माल्ही को मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक काम की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया था. 20 हजार वर्ग फुट की यह जमीन 2017 में एक स्थानीय हिंदू समिति को सौंपी गई थी लेकिन प्रशासनिक वजहों से मंदिर निर्माण का काम अटका हुआ था.

पाकिस्तान सरकार ने सौंपी जमीन

पाकिस्तान सरकार ने यह जमीन इस्लामाबाद की हिंदू पंचायत को सौंप दी है और प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंदिर निर्माण के प्रथम चरण में 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की है. इस ऐलान के बाद हिंदू समुदाय के दिए चंदे से कृष्ण मंदिर की चारदीवारी बनाई जाने लगी थी.

माल्ही ने बताया कि हिंदू पंचायत इस जमीन पर विशाल परिसर बनाना चाहती है जिसमें मंदिर, श्मशान, लंगरखाना, सामुदायिक हॉल और रहने के लिए धर्मशाला होगी. मंदिर को बनाने में कम से कम 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. जामिया अशर्फिया के मुहम्मद जकारिया ने कहा है कि इस्लाम में अल्पसंख्यकों के धर्मस्थलों की देखभाल करना और उन्हें चलाना तो ठीक है लेकिन नए मंदिरों और नए धर्मस्थलों के निर्माण की इजाजत इस्लाम में नहीं है.

ईसाई और पारसी धर्मस्थल के लिए भी जमीन

माल्ही के अनुसार इस्लामाबाद विकास प्राधिकरण ने हिंदू मंदिर के अलावा ईसाइयों और पारिसयों के धर्मस्थल के लिए भी 20 हजार वर्ग फुट की जमीन दी थी. उन्होंने कहा, ''इसके पीछे हमारा मकसद अंतरधार्मिक सद्भाव बढ़ाना और कायदे आजम मुहम्मद अली जिन्ना के सपनों का समावेशी पाकिस्तान बनाना है.''

अदालत का मंदिर निर्माण पर रोक से इनकार इस्लामाबाद के वकील तनवीर अख्तर ने मंदिर का निर्माण रु कवाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है. हालांकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अख्तर की याचिका पर मंदिर निर्माण पर स्टे ऑर्डर से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भी धार्मिक आजादी का उतना ही अधिकार है जितना कि बहुसंख्यकों को.

English summary :
Hindu temple in Islamabad, Pakistan Controversy News: A few days ago the Islamabad Development Authority gave land for the Krishna temple, but a Mufti of Jamia Ashurfiyya Madrasa, a religious education institution, has issued a fatwa against it. Not only this, a lawyer reached the High Court to stop the construction of the temple.


Web Title: Opposition grows in pakistan after Hindu temple of lord Krishna sanction in Islamabad

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