रूस पहुंचे उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन, यूरोप और अमेरिका की नजरें पुतिन से मुलाकात पर, हथियार सौदे से बढ़ेगी पश्चिम की टेंशन
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 12, 2023 02:33 PM2023-09-12T14:33:39+5:302023-09-12T14:34:59+5:30
उत्तर कोरिया के पास तोप के गोले और रॉकेट के बड़ा भंडार होने की संभावना है। किम पुतिन को इसकी पेशकश कर सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि उत्तर कोरिया के नेता बदले में क्या चाहते हैं?
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन मंगलवार को रूस पहुंचे। खास बात ये है कि किम जोंग किसी विमान से नहीं बल्कि बख्तरबंद ट्रेन से रूस पहुंचे। उत्तर कोरिया के नेता की रूस यात्रा पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की टेढ़ी नजरें हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे पर किम जोंग उन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनजर हथियार खरीदने का सौदा हो सकता है। ये हथियार रूस खरीद सकता है जिसे यूक्रेन में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा उत्तर कोरिया के परमाणु-सक्षम हथियारों और युद्ध सामग्री कारखानों की जिम्मेदारी संभालने वाले शीर्ष सैन्य अधिकारी भी किम के साथ रूस पहुंचे हैं। किम देश की राजधानी प्योंगयांग से रविवार को अपनी निजी ट्रेन में सवार हुए और उनके साथ सत्तारूढ़ दल, सरकार और सेना के सदस्य थे।
किम जोंग उन और व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का संभावित स्थान पूर्वी रूस में स्थित शहर व्लादिवोस्तोक शहर हो सकता है। यूक्रेन में चल रही लड़ाई के कारण रूस का हथियार और गोला बारूद का भंडार तेजी से खत्म हो रहा है। अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन हथियारों के घटते भंडार को फिर से भरने के लिए उत्तर कोरियाई तोपों और अन्य गोला-बारूद की अधिक आपूर्ति हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
उत्तर कोरिया के पास तोप के गोले और रॉकेट के बड़ा भंडार होने की संभावना है। किम पुतिन को इसकी पेशकश कर सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि उत्तर कोरिया के नेता बदले में क्या चाहते हैं। उत्तर कोरिया हथियारों के बदले रूस से तकनीक की मांग कर सकता है। इससे उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को बहुत फायदा होगा और साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से हुए नुकसान की भरपाई कर सकेगा।
संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को सीमित करना चाहता है, जिसके लिए उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन अगर बदलते परिदृश्य में रूस पिछले दरवाजे से भी उत्तर कोरिया की मदद करता है तो ये अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के लिए खतरनाक हो सकता है। किम जोंग उन पुतिन से अपने देश के परमाणु कार्यक्रम को मदद देने की अपील भी कर सकते हैं।