काबुल एयरपोर्ट पर बदतर होते हालात, 3000 रुपये में मिल रहा पानी का बोतल, 7500 रुपये में चावल की एक प्लेट
By विनीत कुमार | Published: August 26, 2021 08:48 AM2021-08-26T08:48:47+5:302021-08-26T08:56:37+5:30
काबुल एयरपोर्ट अभी अमेरिकी सैनिकों के कब्जे में हैं और इसलिए लोगों को अफगानिस्तान से बाहर आने का यह एकमात्र रास्ता नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के बाहर अब भी 50 हजार से ज्यादा लोग देश छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं।
काबुल: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हालात बदतर होते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ना चाहते हैं और ऐसे में हजारों लोग काबुल एयरपोर्ट पर जमा हैं। काबुल एयरपोर्ट अभी पूरी तरह से अमेरिकी सैनिकों के कब्जे में हैं और इसलिए लोगों को अफगानिस्तान से बाहर आने का यह एकमात्र रास्ता नजर आ रहा है। हालात ये है कि एयरपोर्ट पर खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर पानी की एक बोतल का दाम 3000 रुपये
ब्रिटेन के अखबार इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर पानी की एक बोतल के लिए लोगों को 40 डॉलर यानी 3000 रुपये चुकाने पड़ रहे है। वहीं, चावल की एक प्लेट के लिए 100 डॉलर यानी 7500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
यही नहीं, एयरपोर्ट पर पानी-खाना या कुछ भी खरीदना हो तो अफगानिस्तान की करेंसी नहीं ली जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ भी खरीदने के लिए केवल डॉलर में ही पेमेंट स्वीकार किए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के बाहर अब भी 50 हजार से ज्यादा लोग देश छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं। इस वजह से यहां इतना भयानक जाम लग जाता है कि एयरपोर्ट तक पहुंचना नामुमकिन सा लगता है। एयरपोर्ट के बाहर हालात और भी बुरे हैं जहां हजारों लोग अंदर जाने का इंतजार कर रहे हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर हो चुकी है 20 लोगों की मौत!
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के बाहर मची अफरातफरी में अब तक 20 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच काबुल से अब तक करीब 82 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
करीब 6 हजार अमेरिकी काबुल में थे। इसमें से 4500 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। अमेरिका के मुताबिक 12 दिनों तक सैन्य विमानों से अमेरिकियों को निकालने के अभियान के बावजूद अब भी करीब 1,500 अमेरिकी अफगानिस्तान में बचे हैं।
वहीं 15 अगस्त को तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद काबुल में तेजी से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत भी अपने मिशन 'ऑपरेशन देवी शक्ति' के तहत पहले ही 800 से अधिक लोगों को वापस ला चुका है। अमेरिका और कई अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय में भारत निकासी अभियान चला रहा है।