इजराइल ने बनाई अभूतपूर्व लेजर गन जिससे मार गिराए जा सकेंगे मिसाइल, मोर्टार और यूएवी वेपन, एक शॉट की लागत महज 300 रुपये
By अनिल शर्मा | Published: April 15, 2022 11:34 AM2022-04-15T11:34:18+5:302022-04-15T11:46:31+5:30
इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को परीक्षण का एक वीडियो जारी किया जिसमें इस लेजर आधारित प्रणाली को एक रॉकेट, एक मोर्टार और एक ड्रोन को तबाह करते देखा जा सकता है।
तेलअवीव: इजराइल ने दुनिया का पहला लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम (आयरन बीम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को खुलासा किया कि पिछले महीने परीक्षणों की पहली शृंखला में आरयन बीम ने ड्रोन, रॉकेट, मोर्टार और टैंक रोधी मिसाइलों को सफलतापूर्वक मार गिराने में कामयाब रहा।
इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को परीक्षण का एक वीडियो जारी किया जिसमें इस लेजर आधारित प्रणाली को एक रॉकेट, एक मोर्टार और एक ड्रोन को तबाह करते देखा जा सकता है। वीडियो साझा करते हुए इजराइली प्रधानमंत्री ने लिखा, यह दुनिया की पहली ऊर्जा-आधारित हथियार प्रणाली है जो 3.50 डॉलर (300 रुपए) प्रति शॉट की लागत से आने वाले यूएवी, रॉकेट और मोर्टार को लेजर के जरिए तबाह करने में सक्षम है। सुनने में यह साइंस फिक्शन जैसा लग सकता है, लेकिन यह सच है।
Israel has successfully tested the new “Iron Beam” laser interception system.
— Naftali Bennett בנט (@naftalibennett) April 14, 2022
This is the world’s first energy-based weapons system that uses a laser to shoot down incoming UAVs, rockets & mortars at a cost of $3.50 per shot.
It may sound like science fiction, but it's real. pic.twitter.com/nRXFoYTjIU
गौरतलब है कि इजराइल हमास के रॉकेट हमलों को रोकने के लिए कई वर्षों से अपने काफी महंगे आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करता आ रहा है। इजरायल को यह काफी महंगा पड़ता था। यही वजह है कि सालों से इसपर वह काम कर रहा था।इसके अनुसंधान और विकास विभाग ने शुरू में इस मिसाइल रोधी प्रणाली को 2024 तक तैनात करने की योजना बनाई थी, लेकिन सेना ने इसके तुरंत तैनाती पर जोर दिया। इसके बाद प्रधान मंत्री नफ्ताली बेनेट ने फरवरी में घोषणा की कि इसे इसी साल तैनात किया जाएगा।
माना जाता है कि आतंकवादी समूह लेबनानी हिज्बुल्लाह के पास लगभग 130,000 रॉकेट, मिसाइल और मोर्टार के गोले का एक शस्त्रागार है। इजराइली सेना इस बात से चिंतित थी कि आने वाले युद्ध में उनके खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जाएगा। गाजा पट्टी, हमास और फिलीस्तीनी इस्लामिक जिहाद में दो सबसे बड़े आतंकवादी समूहों के बारे में भी माना जाता है कि उनके पास हजारों रॉकेट और मोर्टार के गोले हैं। पिछले साल 11 दिनों तक चले युद्ध के दौरान इजरायल पर उन्होंने 4,000 से ज्यादा प्रोजेक्टाइल (रॉकेट) दागे थे। उधर, ईरान के ड्रोन हमलों को लेकर भी इजराइल परेशान है जिसे वह ईरान का "यूएवी आतंक" करार दिया है। अब तक वह इनसे निपटने के लिए आयरन डोम का इस्तेमाल करता था।
आयरन बीम की खामियां
लेजर सिस्टम की यह खामी है कि यह कम दृश्यता के समय में अच्छी तरह से काम नहीं करता है। यानी भारी बादल कवर या खराब मौसम के दौरान यह काम नहीं कर पाता है। इस कारण से रक्षा मंत्रालय का इरादा एक हवाई जहाज पर भी सिस्टम को माउंट करने का है, जो सिस्टम को बादलों के ऊपर रखकर इस सीमा को पार करने में मदद करेगा, हालांकि यह अभी भी कुछ और साल दूर है।