इजराइल: चार सालों में होने जा रहा है देश का पांचवां आम चुनाव, 1 नवंबर को होगी वोटिंग

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 30, 2022 06:51 PM2022-10-30T18:51:09+5:302022-10-30T18:57:07+5:30

इजराइल में लिकुड पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच चल रही रस्साकशी के कारण बीते चार सालों में लगातार सियासी गतिरोध बना रहा, जिसके कारण देश में अब तक चार आम चुनाव हो चुके हैं।

Israel: Country's fifth general election to be held in four years, voting will be held on November 1 | इजराइल: चार सालों में होने जा रहा है देश का पांचवां आम चुनाव, 1 नवंबर को होगी वोटिंग

फाइल फोटो

Highlightsसाल 2019 में बेंजामिन नेतन्याहू ने पूर्ण बहुमत पाने के लिए मध्यावति चुनाव का ऐलान किया थालेकिन चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और खिचड़ी सरकारें फेल रहीइस कारण चौथे साल में इजराइल की जनता पांचवां चुनाव झेलने पर मजबूर है

जेरूसलम:इजराइल में बीते चार साल के दरम्यान पांचवीं बार आम चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए देश की जनता 1 नवंबर को मतदान करेगी। दरअसल साल 2019 में लिकुड पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच चल रही रस्साकशी के कारण इन चार सालों में लगातार सियासी गतिरोध बना रहा, जिसके कारण देश में चार आम चुनाव हो चुके हैं।

लेकिन किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और खिचड़ी सरकारें इस दौरान बनी, उनमें आपसी तालमेल का भारी अभाव रहा, जिसके कारण इजराइल बीते चार दशकों के चुनाव के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। अगर हम सिलसिलेवार तरीके से इजराइल के बीते चार सालों के सियासी उठापटक पर निगाह डालें तो दिसंबर 2018 लिकुड पार्टी के लोकप्रिय नेता बेंजामिन नेतन्याहू अपने चरम पर थे। ऐसा लग रहा था कि नेतन्याहू इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड बना लेंगे लेकिन उनके पास संसद में बहुमत के लिए एक सीट कम था, जिसके कारण उन्होंने मध्यावधि चुनाव का आह्वान किया था।

उसके बाद 9 अप्रैल 2019 को इजराइल में आम चुनाव होता है। इस चुनाव में भी नेतन्याहू बहुमत से दूर रहते हैं लेकिन वो अन्य दलों से गठबंधन बनाने के लिए हफ्तों संघर्ष करते हैं। सरकार बनाने में असफल रहने के बाद नेतन्याहू बेहद चौंकाने वाला फैसले लेते हैं और अपने प्रतिद्वंद्वी साथ ही इजराइली सेना के पूर्व प्रमुख बेनी गैंट्ज़ को सरकार बनाने का मौका देने की बजाय फिर से आम चुनाव का ऐलान कर देते हैं।

नेतन्याहू के उस फैसले के कारण 17 सितम्बर 2019 को फिर से चुनाव होता है। इस चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और विरोधी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बीच लड़ाई बराबर की रहती है। जिसके परिणाम स्वरूप किसी भी दल को सरकार बनाने में सफलता नहीं मिली और फिर दूसरे के बाद तीसरे चुनाव का ऐलान हो गया।

इसके बाद 21 नवंबर 2019 को फिर से इजराइल की जनता ने सरकार चुनने के लिए वोट किया। लेकिन इस चुनाव में नेतन्याहू की छवि को भारी धक्का लगा क्योंकि विपक्षी दलों ने उनपर तीन मामलों में रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाया। इस कारण नेतन्याहू की लोकप्रियता में भारी गिरावट दर्ज की गई। वहीं चुनाव में फिर असफल होने के बाद पूर्व पीएम नेतन्याहू ने विपक्षी दलों के सारे आरोपों को नकारते हुए कहा कि वो राजनीतिक आरोपों के शिकार हुए हैं लेकिन इस मामले में खामयाजा सीधे इजराइल की जनता ने भुगता और उसे फिर चुनाव का भार झेलना पड़ा।

कोरोना महामारी के बीच इजराइल में आयोजित आम चुनाव 2 मार्च 2020 को संपन्न हुए लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिला और गतिरोध जस का तस बना रहता है। हफ्तों चली बातचीत के बाद ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के मुखिया गैंट्ज़ नेतन्याहू के साथ एक "आपातकालीन सरकार" बनाने के लिए सहमत हो गये। बताया जा रहा है कि गैंट्ज़ और नेतन्याहू ने कोरोना से पैदा हुई परिस्थितियों के कारण पैदा हुई आर्थिक और स्वास्थ्य संकट को देखते हुए साथ आने का फैसला किया था।

लेकिन कुछ ही समय में देश के बजट के संबंध में गैंट्ज़ और नेतन्याहू के बीच में रिश्ते पिर से तल्ख हो गये और नेतन्याहू सत्ता साझेदारी से पीछे हट गये। इस कारण जनता फिर से चुनाव की भट्ठी में झोंक दी गई।

इसके बाद 23 मार्च 2021 को देश में चौथा आम चुनाव हुआ और हफ्तों की बातचीत के बाद नेतन्याहू सरकार बनाने में विफल रहते हैं और यायर लैपिड को अगला मौका मिलता है। 2 जून 2021 को लैपिड ने घोषणा की कि वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रहे हैं। लेकिन जून 2022 में यायर लैपिड शासन के एक वर्ष से भी कम समय में गठबंधन दलों का भरोसा खो देते हैं।

उसके बाद 1 नवंबर को फिर से इजराइल में वोटिंग होने वाली है। 120 सीटों वाली संसद में अगर किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, तो फिर गठबंधन की सरकार बनेगी या फिर अगर बात नहीं बन पाती है तो फिर इजराइल छठें चुनाव की ओर बढ़ेगा।

Web Title: Israel: Country's fifth general election to be held in four years, voting will be held on November 1

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