सलमान रश्दी पर हुए हमले में अपनी संलिप्तता से ईरान ने किया इनकार, कहा- इसके लिए लेखक और उनके समर्थक जिम्मेदार
By मनाली रस्तोगी | Published: August 16, 2022 07:41 AM2022-08-16T07:41:06+5:302022-08-16T07:42:13+5:30
रकार के एक अधिकारी ने लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले में तेहरान का हाथ होने की बात से सोमवार को इनकार कर दिया। रुश्दी पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद ईरान की ओर से जारी यह पहला सार्वजनिक बयान है।
तेहरान: ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सलमान रश्दी पर शुक्रवार के हमले को लेकर किसी को भी तेहरान के खिलाफ आरोप लगाने का अधिकार नहीं है. ईरान ने ये भी कहा कि केवल वह और उनके समर्थक दुनिया के मुसलमानों को बदनाम करने के लिए फटकार और निंदा के पात्र हैं। रश्दी पर हुए हमले को लेकर मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ने धर्म के खिलाफ रश्दी के अपमान को उचित नहीं ठहराया। उनके 1988 के उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" को कुछ मुसलमानों द्वारा ईशनिंदा के अंश के रूप में देखा जाता है।
न्यूज ब्रीफिंग में बताया कनानी ने बताया, "सलमान रश्दी पर हमले के संबंध में हम अपने और उनके समर्थकों के अलावा किसी और को निंदा और निंदा के योग्य नहीं मानते हैं। इस संबंध में किसी को भी ईरान पर आरोप लगाने का अधिकार नहीं है।" दुनिया भर के लेखकों और राजनेताओं ने हमले की निंदा की है। उनके एजेंट ने रॉयटर्स को बताया कि रश्दी को गंभीर चोटें आई थीं, जिसमें उनके हाथ की नस और उनके लिवर पर घाव शामिल हैं, और उनकी एक आंख जाने की संभावना है।
रश्दी पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद ईरान की ओर से जारी यह पहला सार्वजनिक बयान है। ईरान हालांकि देश की 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद के वर्षों में असंतुष्टों को निशाना बनाने के लिए विदेशों में इस तरह के अभियानों को अंजाम देने से इनकार करता रहा है, लेकिन कई अभियोजकों और पश्चिमी सरकारों ने तेहरान को इस तरह के हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। गौरतलब है कि रुशदी (75) पर शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान न्यूजर्सी के हादी मतार (24) ने चाकू से हमला कर दिया था।
अमेरिकी अधिकारियों ने इसे 'लक्षित, बिना किसी उकसावे के और एक साजिश के तहत किया गया' हमला बताया है। ईरान के दिवंगत सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खामेनेई ने उन्हें मार डालने की मांग करते हुए एक फतवा भी जारी किया था। एक ईरानी फाउंडेशन ने लेखक के लिए 30 लाख डॉलर से अधिक का इनाम घोषित कर रखा है। कनानी ने कहा कि ईरान के पास "अमेरिकी मीडिया में आ रही खबरों के अलावा इस संबंध में अन्य कोई जानकारी नहीं है।" कनानी ने कहा कि पश्चिम का "हमलावर के कृत्यों की निंदा करते हुए इस्लामी मान्यताओं के अपमान करने वाले के कृत्यों का महिमामंडन करना...यह एक विरोधाभासी रवैया है।"