India-Bangladesh: भारत के साथ हुए समझौतों की समीक्षा कर सकती है बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, शेख हसीना पर पक्षपात का आरोप
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 2, 2024 11:20 IST2024-09-02T11:19:32+5:302024-09-02T11:20:26+5:30
जून 2024 में, शेख हसीना सरकार ने 10 एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से सात नए थे और तीन का नवीनीकरण किया गया था। हसीना की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

भारत के साथ हुए समझौतों की समीक्षा कर सकती है बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, शेख हसीना पर पक्षपात का आरोप
India-Bangladesh:बांग्लादेश के विदेश मामलों के मंत्री तौहीद हुसैन ने कहा है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) की समीक्षा कर सकती है और उन्हें रद्द कर सकती है। शेख हसीना के समय भारत के साथ हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) की समीक्षा करके बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ये देखना चाहती है कि ये देश के लिए फायदेमंद हैं या नहीं।
हालांकि एमओयू की समीक्षा के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक नई सरकार का मानना है कि हसीना भारत के करीब थीं और उन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर करते समय भारत का पक्ष लिया।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ये भी कहा है कि यदि आवश्यकता हुई तो सरकार भारत से पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भी करेगी। इससे पहले अंतरिम सरकार ने कहा था कि हसीना को उसके खिलाफ दर्ज मामलों के लिए भारत को सौंप दिया जाए। शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट पहले ही रद्द कर दिया गया है। दूसरी तरफ भारत सरकार हसीना को सौंपने पर तभी विचार करेगी जब उसे ऐसा कोई अनुरोध मिलेगा।
जून 2024 में, शेख हसीना सरकार ने 10 एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से सात नए थे और तीन का नवीनीकरण किया गया था। हसीना की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस को पांच अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के अपदस्थ होने के बाद बांग्लादेश का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था।
यूनुस अब राजनीतिक दलों के साथ बैठकें कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में बांग्लादेश के संविधान में भी संसोधन हो सकता है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कह चुके हैं कि 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद से ढाका के साथ नयी दिल्ली के संबंध उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं और यह स्वाभाविक है कि भारत वर्तमान सरकार के रुख के अनुरूप रवैया अपनाए।