UNHRC: ‘पाक के मुकाबले भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतर...संविधान ने दिया अल्पसंख्यकों को हक’, बोली स्विट्जरलैंड में पीएचडी कर रही सफाईकर्मी की बेटी
By आजाद खान | Published: March 25, 2023 10:37 AM2023-03-25T10:37:36+5:302023-03-25T11:08:53+5:30
स्विट्जरलैंड में पीएचडी कर रही सफाई कर्मचारी की बेटी ने अपनी उपलब्धि पर बोलते हुए कहा है कि "एक दलित लड़की होने के नाते मुझे गर्व है कि मुझे यहां आने का मौका मिला और अपनी बात रखने का मौका मिला। एक सफाई कर्मचारी की बेटी होने के नाते हम यहां तक पहुंचे हैं यह बड़ी उपलब्धि है।"

फोटो सोर्स: ANI
जिनेवा: शुक्रवार को जेनेवा में मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र में शामिल हुई एक दलित लड़की ने भारत की खूब तारीफ की है। इंदौर शहर की रहने वाली एक सफाई कर्मचारी की बेटी रोहिणी गांधी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व यह मेरा एक सपना था, ऐसे में एक दलित लड़की होने के नाते उसका यहां तक आना और अपनी बात रखने का मौका मिलना, उसके लिए यह एक गर्व की बात है।
इस दौरान रोहिणी गांधी ने भारत की तुलना पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से भी की और कहा कि इन देश के मुकाबले भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतरह है। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए बोला कि इस बात का जीता-जागता सबूत मैं हूं।
क्या कहा रोहिणी गांधी ने
रोहिणी गांधी एक पीएचडी छात्रा और दलित कार्यकर्ता है। वे सरकारी स्कॉलरशिप पर स्विट्जरलैंड में पीएचडी कर रही है। ऐसे में उन्हें 52वें मानवाधिकार परिषद में हिस्सा लेने का मौका मिला और इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने भारत की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र में रहने का मौका मिला, ये उनके लिए काफी सम्मान की बात है।
एक दलित लड़की होने के नाते मुझे गर्व है कि मुझे यहां आने का मौका मिला और अपनी बात रखने का मौका मिला। मैंने बताया कि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतर है क्योंकि आरक्षण नीति हमारे भारत में है मुझे खुद भारत सरकार से 1 करोड़ रुपए की… pic.twitter.com/t95lh11V1u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 24, 2023
इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि "एक दलित लड़की होने के नाते मुझे गर्व है कि मुझे यहां आने का मौका मिला और अपनी बात रखने का मौका मिला। मैंने बताया कि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतर है क्योंकि आरक्षण नीति हमारे भारत में है मुझे खुद भारत सरकार से 1 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति मिली है तो मैं खुद एक इसका उदाहरण हूं, एक सफाई कर्मचारी की बेटी होने के नाते हम यहां तक पहुंचे हैं यह बड़ी उपलब्धि है।"
भारत में प्रमुख परिवर्तन के रूप में ओबीसी पीएम और दलित राष्ट्रपति है- रोहिणी गांधी
रोहिणी गांधी ने आगे कहा है हि भारत में प्रमुख परिवतर्न हो रहे है और इसका उदाहरण ओबीसी पीएम-पीएम मोदी और दलित राष्ट्रपति-द्रौपदी मुर्मू हैं। उनके अनुसार, पिछले 75 सालों में दलितों की हालत काफी सुधरी और इसमें सुधार अभी भी बाकी है। रोहिणी के अनुसार, ऐसा देश जहां अल्पसंख्यकों को शीर्ष स्थान पर पहुंचने का मौका मिल रहा है, इससे पता चलता है कि भारत में परिवर्तन हो रहा है।
इस पर बोलते हुए रोहिणी ने आगे कहा है कि हमारे देश का संविधान इतना मजबूत है कि कोई भी व्यक्ति इस देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने का सपना देख सकता है। उसने यह भी कहा है कि देश का संविधान ने दलितों को उसका हक दिलाया है।