UNHRC में भारत ने की पाकिस्तान की आलोचना, कहा- दुनियाभर में हजारों नागरिकों की मौत के लिए पाकिस्तान की नीतियां जिम्मेदार हैं
By मनाली रस्तोगी | Published: March 4, 2023 07:25 AM2023-03-04T07:25:14+5:302023-03-04T07:31:35+5:30
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में धार्मिक अल्पसंख्यकों और आतंकवाद के मुद्दों पर पाकिस्तान की आलोचना की।
जिनेवा: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में धार्मिक अल्पसंख्यकों और आतंकवाद के मुद्दों पर पाकिस्तान की आलोचना की। भारत की प्रतिनिधि सीमा पूजानी ने यूएनएचआरसी सभा में कहा, "कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक आज पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकता है और न ही अपने धर्म का पालन कर सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "अपनी आस्था का पालन करने के लिए अहमदिया समुदाय को देश द्वारा लगातार सताया जा रहा है...पाकिस्तान की नीतियां दुनिया भर में हजारों नागरिकों की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। राजनीतिक औचित्य ने हिंदुत्व शासन को कश्मीरी लोगों को अमानवीय बनाने के लिए उनके अधिकारों की वैध खोज को आतंकवाद के झूठ के साथ झूठा करार देकर माफ कर दिया है।"
उन्होंने ये भी कहा, "भारतीय कब्जे वाले अधिकारियों ने आवासीय घरों को ध्वस्त करके और कश्मीरियों को उनकी आजीविका से वंचित करने के लिए भूमि के पट्टों को समाप्त करके कश्मीरियों की सामूहिक सजा को बढ़ा दिया है। पूजानी ने कहा, "पिछले एक दशक में जबरन गुमशुदगी पर पाकिस्तान के अपने जांच आयोग को 8,463 शिकायतें मिली हैं। इस क्रूर नीति का खामियाजा बलूच लोगों को भुगतना पड़ा है।"
#WATCH | "No religious minority can freely live or practice its religion in Pakistan today...Pakistan's policies are directly responsible for the death of thousands of civilians around the world": India slams Pakistan on issues of religious minorities, terrorism, at UNHRC (03.03) https://t.co/1PlPckPdahpic.twitter.com/t88CMHAfU6
— ANI (@ANI) March 3, 2023
भारत की प्रतिनिधि सीमा पूजानी ने कहा, "छात्रों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों और समुदाय के नेताओं को नियमित रूप से राज्य द्वारा गायब कर दिया जाता है। ईसाई समुदाय के साथ भी उतना ही बुरा बर्ताव है। ईशनिंदा के कठोर कानूनों के जरिए इसे अक्सर निशाना बनाया जाता है। देश संस्थान आधिकारिक तौर पर ईसाइयों के लिए 'स्वच्छता' नौकरियां आरक्षित करते हैं।"
भारत की प्रतिनिधि सीमा पूजानी ने यूएनएचआरसी सभा में कहा कि समुदाय की कम उम्र की लड़कियों को एक हिंसक राज्य और एक उदासीन न्यायपालिका द्वारा इस्लाम में परिवर्तित किया जाता है। हिंदू और सिख समुदाय अपने पूजा स्थलों पर लगातार हमले और अपनी कम उम्र की लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के समान मुद्दों का सामना करते हैं।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस प्रतिष्ठित मंच का दुरुपयोग करना चुना है।"
पूजानी ने कहा कि इस्लामाबाद ऐसे समय में भारत के प्रति आसक्त है जब उसके नागरिक अपने जीवन, आजीविका और आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसे गलत प्राथमिकता बताते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तानी नेतृत्व से निराधार प्रचार में उलझने के बजाय अपनी ऊर्जा को अपनी आबादी के लिए काम करने पर केंद्रित करने के लिए कहा।