अफगानिस्तान का बुरा हुआ हाल, 10 लाख बच्चे कुपोषण से मरने के कगार पर, यूनिसेफ ने दी चेतावनी- 30 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित
By अनिल शर्मा | Published: February 10, 2022 02:57 PM2022-02-10T14:57:58+5:302022-02-10T18:57:32+5:30
यूनिसेफ अफगानिस्तान ने ट्वीट कर कहा, बच्चे गंभीर कुपोषण से मर सकते हैं। UNICEFAfg बच्चों को उनके ठीक होने में सहायता के लिए उच्च ऊर्जा मूंगफली का पेस्ट प्रदान कर रहा है।
काबुल: अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो 10 लाख अफगान बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण से मर सकते हैं। यूनिसेफ अफगानिस्तान ने ट्वीट कर कहा, बच्चे गंभीर कुपोषण से मर सकते हैं। UNICEFAfg बच्चों को उनके ठीक होने में सहायता के लिए उच्च ऊर्जा मूंगफली का पेस्ट प्रदान कर रहा है।
यूनिसेफ अफगानिस्तान ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हाल ही में पतले दस्त से उबरने के बाद दो साल की सोरिया अस्पताल में दोबारा भर्ती की गई है। उसकी मां पिछले 2 सप्ताह से सोरिया के ठीक होने का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
Madina, mother of 3, has spent the last 2 weeks in the hospital getting her youngest son, 8-month-old Seraj, treated for severe acute malnutrition & heart problems. Upset, exhausted, concerned, she says, “My husband is jobless. We have no money to buy milk or food or medicines.” pic.twitter.com/2r6A9ITJKl
— UNICEF Afghanistan (@UNICEFAfg) February 10, 2022
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कुपोषण से प्रभावित बच्चों की बढ़ती संख्या के बावजूद सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान में कोई भी कुपोषण देखभाल केंद्र सक्रिय नहीं है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि जन स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अफगानिस्तान में कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या लगभग 3.2 मिलियन है।
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— UNICEF Afghanistan (@UNICEFAfg) February 8, 2022
Abdul's story is one that millions of Afghans are experiencing.
No job = no food = starving children. UNICEF estimates that 3.2 million children in Afghanistan will suffer from acute malnutrition in 2022.
अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति काफी खराब हो गई है क्योंकि तालिबान ने पिछले साल अगस्त के मध्य में काबुल पर कब्जा कर लिया था। विदेशी सहायता के निलंबन, अफगान सरकार की संपत्ति को फ्रीज करने और तालिबान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से वहां की स्थिति काफी खराब हो चली है। पहले से ही उच्च गरीबी के स्तर से पीड़ित देश को पूर्ण विकसित आर्थिक संकट में डाल दिया है।