इमरान खान ने अदालती अवमानना पर मांगी माफी, बोले- "आगे से नहीं करूंगा, गलती हो गई"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 1, 2022 05:10 PM2022-10-01T17:10:11+5:302022-10-01T20:05:48+5:30
इमरान खान ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दिये हलफनामे में कहा कि उन्हें 20 अगस्त की सार्वजनिक रैली में एडिशनल डिस्ट्रीक और सेशन जज जेबा चौधरी के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणी का बेहद अफसोस है और वो मानते हैं कि जज की आलोचना करते समय उन्होंने सीमा पार कर ली थी।
इस्लामबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अदालती अवमानना के मामले में दाखिल किये हलफनामे में कहा कि उन्हें 20 अगस्त की सार्वजनिक रैली में एडिशनल डिस्ट्रीक और सेशन जज जेबा चौधरी के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणी के बारे में बहुत अफसोस है और वो मानते हैं कि उन्होंने जज की आलोचना करते समय सीमा पार कर ली थी।
पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने जज से उनके खिलाफ किये गये टिप्पणी के लिए माफी मांगते हुए इस्लामाबाद हाईकोर्ट से कहा कि वो भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा नहीं करेंगे। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बीते 22 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान अवमानना के विषय में इमरान खान से हलफनामा पेश करने के लिए कहा था।
इमरान खान ने देशद्रोह के मामले में अपने करीबी सहयोगी शाहबाज गिल की पुलिस रिमांड को मंजूर करने के लिए जज जेबा चौधरी की एक रैली में तीखी आलोचना की थी। जिसके बाद कोर्ट ने इमरान खान के खिलाफ अवमानना का केस चलाने के हुक्म दिया था. जिसके बाद इमरान के वकील ने जज जेबा चौधरी से माफी मांगने की पेशकश की थी।
वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इमरान खान द्वारा कंटेम्ट के मामले में पेश किया गया हलफनामा कंटेम्प केस से बचने के लिए बतौर टूल इस्तेमाल किया गया है। बीते 20 अगस्त की रैली में इमरान खान ने खुले मंच से जज जेबा चौधरी के साथ-साथ पूरी न्यायपालिका को चेतावनी दिया था कि वो उन्होंने पार्टी के प्रति "पक्षपातपूर्ण" रवैया न बरते और उनके लोगों को निशाना न बनाएं।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सौंपे हलफनामे में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उन्हें "माननीय हाईकोर्ट से सामने इस बात का आभास है कि उन्होंने 20 अगस्त 2022 को सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान भाषण देते समय कोर्ट की निर्धारित सीमा रेखा को पार कर लिया है। इसके साथ ही खान ने हलफनामे में कहा कि उनका इरादा कभी भी जज जेबा चौधरी को धमकी देने का नहीं था और उनके बयान के पीछे कोई गलत इरादा नहीं था।
उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट को इस बात का भरोसा देना चाहते हैं कि वह जज जेबा चौधरी के सामने माफी मांगने और यह समझाने के लिए तैयार हैं कि न तो उन्होंने और न ही उनकी पार्टी ने उनके खिलाफ गलत नियत से कार्रवाई की मांग की थी। अगर इस हलफनामे के बाद भी वह संतुष्ट नहीं हैं तो वो जज जेबा चौधरी से माफी मांगने को तैयार हैं।
हलफनामे के अंत में पीटीआई प्रमुख ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से कहा कि वह भविष्य में भी इन बातों का ध्यान रखेंगे कि वो किसी भी अदालत और जज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी न करें। उनकी कभी इच्छा नहीं थी कि अदालत की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया जाए या फिर न्यायपालिका की गरिमा या स्वतंत्रता को प्रभावित किया जाए। इसके साथ ही इमरान खान ने अदालत को भरोसा दिलाया कि वह पेश किये गये हलफनामे पर हर समय अक्षरश: कायम रहेंगे।
बताया जा कहा है कि शनिवार को कोर्ट में हलफनामा पेश करने से पहले इमरान खान शुक्रवार को जज जेबा चौधरी से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने के लिए इस्लामाबाद सेशन कोर्ट में पेश हुए थे, लेकिन शुक्रवार को छुट्टी होने के कारण वो जज जेबा से मिल नहीं पाये थे। जज जेबा की गैरहाजिरी में इमरान खान ने अदालत के रीडर चौधरी यासिर अयाज़ के पास जज के लिए माफी का संदेश छोड़ा था।