गूगल ने जेंडर डिस्क्रिमिनेशन केस के निपटारे में अदा किये 118 मिलियन डॉलर
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 13, 2022 03:06 PM2022-06-13T15:06:10+5:302022-06-13T15:10:43+5:30
गूगल ने कंपनी में महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव के एक केस के सेटेलमेंट में 118 मिलियम डॉलर अदा किया। गूगल पर आरोप था कि उसने कंपनी में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया और उन्हें योग्यता के अनुपात में कम वेतन दिया और नियुक्तियों में भी महिलाओं को केवल निम्न-श्रेणी के पदों का दायित्व सौंपा।
न्यूयार्क: इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने कंपनी में महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव के एक केस के सेटेलमेंट में 118 मिलियम डॉलर अदा किया। इस मामले में जानकारी साझा करते हुए गूगल ने बीते रविवार को बताया कि वह अपनी गलती के सुधार पर बेहद खुश है और मुकदमे का कर्रवाई को सेटेलमेंट के जरिये सुलझा लिया गया है।
गूगल पर आरोप था कि उसने कंपनी में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया और उन्हें योग्यता के अनुपात में कम वेतन दिया और नियुक्तियों में भी महिलाओं को केवल निम्न-श्रेणी के पदों का दायित्व सौंपा।
जानकारी के मुताबिक गूगल की ओर से केस के सेटेलमेंट में दिये गये गये 118 मिलियन डॉलर से करीब 15,500 महिला कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। इन महिला कर्मचारियों ने सितंबर 2013 से गूगल के कैलिफोर्निया स्थित कंपनी के मुख्यालय में काम किया था।
इस मामले में महिलाओं के पक्ष में केस लड़ने वाली लॉ फर्म लीफ कैब्रेसर हेइमैन और बर्नस्टीन एलएलपी और अल्टशुलर बर्ज़ोन एलएलपी ने शुक्रवार की रात जारी बयान में कहा कि गूगल ने महिलाओं के साथ हुए भेदभाव को स्वीकार करते हुए मामले में समझौते की पेशकश की है, जिससे करीब 15,500 महिला कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक बयान में गूगल ने कहा, "हम अपनी नीतियों और प्रथाओं की समानता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं, लगभग पांच साल चले इस केस के बाद दोनों पक्ष 118 मिलियन डॉलर के भुगतान पर समझौते के लिए राजी हो गये हैं। केस का समाधान दोनों पक्षों के हित में है और हम इस समझौते के होने पर बेहद खुश हैं।"
मालूम हो कि साल 2017 में गूगल के कई पूर्व महिला कर्मचारियों ने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में गूगल के खिलाफ केस दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कंपनी पर महिलाओं के साथ भेदभाव और उन्हें पुरुषों की तुलना में समान पदों के लिए कम वेतन के भुगतान का आरोप लगाया था।
महिलाओं का आरोप था कि समान अनुभव वाले पुरुषों की तुलना में महिलाओं को निम्न श्रेणि के पदों पर नियुक्त किया गया क्योंकि उनका वेतन पहले ही कम था और इस तरह से गूगल ने पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव किया है।
वहीं इस मामले में कानूनी फर्मों द्वारा जारी समझौते में बताया गया है कि गूगल केस के दौरान महिलाओं द्वारा लगाये गये सभी आरोपों से इनकार करता रहा और अपने बचाव में गूगल ने कोर्ट में दलील दी कि उसने हर समय सभी कर्मचारियों के लिए समान कानूनों और नियमों को लागू किया है।
इस केस से पहले साल 2021 में भी गूगल अमेरिकी श्रम विभाग को महिलाओं और एशियाई लोगों के साथ भेदभाव के आरोपों में 3.8 मिलियन डॉलर का भुगतान कर चुका है।