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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का दावा- 1971 की जंग के बाद इंदिरा गांधी ने पाक के साथ की थी जमीन के सौदे की बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 9, 2019 16:00 IST

भारत ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को वापस लेते हुए जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख - में बांट दिया था ।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत यदि कश्मीर पर अपने कदमों पर पुनर्विचार को राजी हो तो पाक, भारत के खिलाफ अपने निर्णयों की समीक्षा को तैयार है। पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कमतर करने का फैसला भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के कदम को लेकर किया

भारत सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को वापस लेते हुए जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया है। जिसके बाद से पाकिस्तान की सरकार बौखलाये हुये है। इसी बीत पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने एक विवादित बयान दिया है। आसिफ अली जरदारी ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने पर सदन में बात करते हुये दावा किया है कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 की जंग के बाद पाकिस्तान के साथ जमीन का सौदा करने की बात कही थी। 

अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स नाउ के मुताबिक, सात अगस्त को पाकिस्तान की संसद में बोलते हुये जरदारी ने कहा, 1971 की जंग के बाद भारती की तत्कालिन पीएम इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के साथ जमीन का सौदा किया था। पाकिस्तान ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जमीन भी वापस ली थी। जरदारी ने कहा, भारत ने हमारे 90 हजार सैनिक भी लौटाये थे और पाक की जमीन भी। 

सदन में जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने का जरदारी ने बांग्लादेश से बी तुलना की। जरदारी ने कहा, भारत के पीएम मोदी और बीजेपी पर सेकुलर मूल्यों को खत्म करने का आरोप लगाया है। सदन में जरदारी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के नेता खुद इस बात समर्थन नहीं कर रहे हैं। 

बता दें कि फर्जी खातों के मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर केस भी चल रहा है। 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत यदि कश्मीर पर अपने कदमों पर पुनर्विचार को राजी हो तो पाक, भारत के खिलाफ अपने निर्णयों की समीक्षा को तैयार है। कुरैशी की यह टिप्पणी पाकिस्तान द्वारा भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित किये जाने के एक दिन बाद आयी है। पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कमतर करने का फैसला भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के कदम को लेकर किया

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