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भारत की ओर से निज्जर को आतंकी घोषित करने के बाद भी क्यों मेहरबान था कनाडा? नागरिकता देने पर सवाल अब भी बरकारार

By अंजली चौहान | Updated: September 23, 2023 07:51 IST

निज्जर ने यह दावा करते हुए कनाडा में शरण के लिए आवेदन किया था कि उसे भारत में उत्पीड़न का डर है क्योंकि वह 'एक विशेष सामाजिक समूह' से है, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया और फिर उसने फर्जी शादी की।

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ठळक मुद्देकनाडा में निज्जर को नागरिकता देने पर उठे सवाल भारत द्वारा निज्जर को बताया गया आतंकी कनाडा सरकार के नागरिकता देने के तथ्यों पर उठे सवाल

नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ चुकी है। निज्जर की हत्या का विवाद खड़ा होने के कारण दोनों देशों के अधिकारियों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया जारी है।

इस बीच, अब भी एक सवाल बरकारार है कि निज्जर को भारत द्वारा आंतकी घोषित किए जाने के बाद भी क्यों कनाडा ने कोई एक्शन नहीं लिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नकली पासपोर्ट का उपयोग करके उत्तरी अमेरिकी देश पहुंचे और कनाडा ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि उन्हें सूचित किया गया था कि वह एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों, हत्या और अन्य आतंकवादी गतिविधियाँ का सामना कर रहा है। 

कनाडा सरकार ने इस सब के बारे में पता होते हुए भी निज्जर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं। वहीं, उसे गलत तथ्यों  के आधार पर नागारिकता भी प्रदान कर दी। 

जानकारी के अनुसार, 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में अज्ञात हमलावरों ने निज्जर की हत्या कर दी थी। सूत्रों ने बताया कि वह 1997 में रवि शर्मा उपनाम के तहत नकली पासपोर्ट का उपयोग करके कनाडा गया था। 

नागरिकता पाने के लिए किया विवाह 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हरदीप सिंह निज्जर ने कनाडा में शरण लेने के लिए आवेदन किया था। इस आवेदन में निज्जर ने कहा कि उन्हें भारत में उत्पीड़न का डर है क्योंकि वह "एक विशेष सामाजिक समूह" से हैं।

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि निज्जर की शरण को मनगढ़ंत कहानी के आधार पर खारिज कर दिया गया था। उनका दावा खारिज होने के ग्यारह दिन बाद, उन्होंने एक महिला के साथ "विवाह" समझौता किया, जिसने उनके आप्रवासन को प्रायोजित किया था।

इस आवेदन को कनाडा में आव्रजन अधिकारियों ने भी खारिज कर दिया था क्योंकि महिला भी 1997 में एक अलग पति के प्रायोजन पर कनाडा पहुंची थी।

निज्जर ने अस्वीकृति के खिलाफ कनाडा की अदालतों में अपील की, हालांकि वह खुद को कनाडा का नागरिक होने का दावा करता रहा। बाद में उन्हें कनाडाई नागरिकता प्रदान की गई, जिसकी परिस्थितियाँ स्पष्ट नहीं हैं।

कनाडा ने नहीं की कोई कार्रवाई

गौरतलब है कि नवंबर 2014 में उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया गया था। निज्जर के खिलाफ भारत में हत्या और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले थे। सूत्रों ने कहा कि मामलों का विवरण कनाडाई अधिकारियों के साथ साझा किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आरसीएन के बावजूद, कनाडाई अधिकारियों ने उसे नो-फ्लाई सूची में डालने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की।

निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद शुरू हो गया।

भारत ने आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर खारिज कर दिया है और इस मामले पर ओटावा में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है।

भारत ने गुरुवार को कनाडा में अपने उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के सामने आने वाले सुरक्षा खतरों के मद्देनजर कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की।

इसके साथ ही कनाडा में रहने वाले अपने सभी नागरिकों और वहां यात्रा करने पर विचार करने वालों को बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों के साथ-साथ अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी।

टॅग्स :कनाडाजस्टिन ट्रूडोभारतमोदी सरकारआतंकवादी
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