कोरोना वायरस को लेकर एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। कोरोना दिमाग के लिए तो घातक है यह तो पता चल चुका है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसके संक्रमण से मस्तिष्क की कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। इसका खुलासा कोरोना पीड़ित के सिटी स्कैन से पता चलता है। बताया जा रहा है कि रोगी मस्तिष्क संबंधी तकलीफ को लेकर आईसीयू में भर्ती होते हैं उनमें बेहोशी की हालत में बड़बड़ाने के मामले सामने आने आ रहे है। मेडिकल की भाषा में इसे 'आईसीयू डिलेरियम' कहते हैं।
इतना ही नहीं कुछ कोरोना मरीजों के दिमाग में काले धब्बे भी दिखे हैं, जिससे पता चलता है कि कोरोना मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी मार रहा है। अमर उजाला ने अमेरिका के हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं के हवाले से बताया है कि एक 58 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला को बुखार और खांसी की तकलीफ के साथ उलझन और थकावट महसूस हो रही थी। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन जांच कराई तो पता चला कि महिला के मस्तिष्क में काले धब्बे बने हैं यानि कोशिकाएं संक्रमण के कारण मर चुकी है। इसक वजह कोरोना ही है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से मरीज के मस्तिष्क में गांठ है और रक्तस्राव भी हो रहा है जिसके कारण उसे मस्तिष्क से जुड़ी तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों का मानना है कि पहले ऐसे मामले फ्लू और चिकनपॉक्स के मरीजों में देखने को मिलता था, लेकिन अब कोरोना में भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं।
वहीं, डॉक्टरों का मानना है कि आईसीयू में भर्ती होने वाले अधिकतर मरीजों में आईसीयू डिलेरियम की तकलीफ होती है। इसका कारण सेप्सिस, बुखार, संक्रमण या अंगों का काम न करना हो सकता है।