लाइव न्यूज़ :

Coronavirus Vaccine: कोविड-19 से मुकाबले के लिए तपेदिक के टीके का ‘क्लीनिकल ट्रायल’ शुरू होगा

By भाषा | Updated: May 3, 2020 20:42 IST

कोरोना वायरस दुनियाभर में अपना प्रकोप दिखा रहा है और शोधकर्ताओं ने गौर किया है कि भारत सहित कुछ विकासशील देशों में मृत्यु दर कम है, जहां व्यापक रूप से बीसीजी टीके का उपयोग किया जाता है। 

Open in App
ठळक मुद्दे इस टीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है और कोविड-19 के खतरनाक प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसका उपयोग मूत्राशय के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है।

ह्यूस्टन: अमेरिका के टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता सैकड़ों चिकित्साकर्मियों को व्यापक रूप से इस्तेमाल किये जाने वाले तपेदिक के टीके के ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के चौथे चरण में भाग लेने के लिए कह रहे हैं। इस टीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है और कोविड-19 के खतरनाक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

टेक्सास ए एंड एम क्लीनिकल ट्रायल में पहला अमेरिकी संस्थान है जिसे मनुष्यों पर परीक्षण के लिए संघीय मंजूरी हासिल है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि बेसिलस कैलमेट-गुएरिन या बीसीजी कोरोना वायरस के प्रभावों को कम करता है। इससे कोविड-19 से कम संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे या कम संख्या में लोगों की मौत होगी। विश्वविद्यालय ने कहा कि शोधकर्ता वैक्सीन का किसी और रोग के इलाज में अनुमति मांग रहे हैं। इसका उपयोग मूत्राशय के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है।

विश्वविद्यालय ने कहा कि बीसीजी केवल छह महीनों में कोविड-19 से मुकाबले के वास्ते व्यापक रूप से उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकता है, क्योंकि यह पहले से ही अन्य उपयोगों के लिए सुरक्षित है। ‘टेक्सास ए एंड एम हेल्थ साइंस सेंटर’ में माइक्रोबियल और पेथोजेनेसिस एवं इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. जेफरी डी सिरिलो ने कहा, ‘‘अगले दो- तीन वर्षों में यह एक बड़ा अंतर ला सकता है, जबकि कोविड-19 के लिए एक खास टीके का विकास किया जा रहा है।’’

डा.सिरिलो ने कहा, ‘‘बीसीजी का मतलब कोरोना वायरस का इलाज करना नहीं है बल्कि एक टीका विकसित होने तक उस अंतराल को भरना है ताकि हमें टीका विकसित करने में समय मिल जाये।’’ क्लीनिकल ट्रायल इस सप्ताह शुरू होना है और सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों पर इसका परीक्षण होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह लोगों को संक्रमित होने से रोकने वाला नहीं है। यह टीका आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की योग्यता रखता है।’’ कोरोना वायरस दुनियाभर में अपना प्रकोप दिखा रहा है और शोधकर्ताओं ने गौर किया है कि भारत सहित कुछ विकासशील देशों में मृत्यु दर कम है, जहां व्यापक रूप से बीसीजी टीके का उपयोग किया जाता है। 

टॅग्स :कोरोना वायरस
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद