‘कोलंबस नरसंहार का प्रतीक’ है, अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने प्रतिमा उखाड़ी, फूंक दिया और नदी में फेंका, जानिए मामला

By भाषा | Published: June 10, 2020 01:40 PM2020-06-10T13:40:05+5:302020-06-10T13:40:05+5:30

अमेरिका में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच लोगों ने क्रिस्टोफर कोलंबस की प्रतिमा तोड़ और कहा कि यह नरसंहार का प्रतीक है। नदी में फेंक दिया। 

Christopher Columbus statue torn down by protesters in downtown Richmond Tuesday nigh thrown into lake | ‘कोलंबस नरसंहार का प्रतीक’ है, अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने प्रतिमा उखाड़ी, फूंक दिया और नदी में फेंका, जानिए मामला

प्रदर्शनकारी शहर के बायर्ड पार्क में एकत्रित हुए और उसके दो घंटे से भी कम समय बाद प्रतिमा को उखाड़ फेंका। (file photo)

Highlightsप्रदर्शनकारियों ने मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे प्रतिमा को कई रस्सियों की मदद से उखाड़ दिया। घटना के बाद पुलिस के एक हेलीकॉप्टर को इलाके का चक्कर लगाते हुए देखा गया।रिचमॉन्ड में दिसबंर 1927 में कोलंबस की प्रतिमा लगाई गई थी और यह क्रिस्टोफर कोलंबस की पहली प्रतिमा थी।

रिचमॉन्डः अमेरिका के रिचमॉन्ड शहर में प्रदर्शनकारियों ने क्रिस्टोफर कोलंबस की प्रतिमा तोड़ दी, उसमें आग लगा दी तथा फिर उसे एक नदी में फेंक दिया।

खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारी शहर के बायर्ड पार्क में एकत्रित हुए और उसके दो घंटे से भी कम समय बाद प्रतिमा को उखाड़ फेंका। ‘एनबीसी 12’ की खबर के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे प्रतिमा को कई रस्सियों की मदद से उखाड़ दिया और उसकी जगह स्प्रे से लिख दिया, ‘कोलंबस नरसंहार का प्रतीक’ है।

इसके बाद इसे फूंक दिया गया और फिर पार्क में स्थित एक नदी में फेंक दिया गया। रिचमॉन्ड टाइम्स-डिस्पैच की खबर के मुताबिक पार्क में पुलिस मौजूद नहीं थी लेकिन इस घटना के बाद पुलिस के एक हेलीकॉप्टर को इलाके का चक्कर लगाते हुए देखा गया। रिचमॉन्ड में दिसबंर 1927 में कोलंबस की प्रतिमा लगाई गई थी और यह क्रिस्टोफर कोलंबस की पहली प्रतिमा थी।

जॉर्ज फ्लॉयड को ह्यूस्टन में दफनाया गया

ह्यूस्टन, 10 जून (भाषा) अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड को यहां एक गिरजाघर में श्रद्धांजलि सभा के बाद दफना दिया गया। इस सभा में 500 से अधिक शोक संतप्त लोग शामिल हुए। गौरतलब है कि फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मौत के बाद नस्ली भेदभाव के विरोध में अमेरिका समेत कई अन्य देशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे। हथकड़ी लगे काले व्यक्ति फ्लॉयड की गर्दन को श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा घुटने से दबाए जाने का वीडियो वायरल हुआ था।

वीडियो में दिख रहा है कि अधिकारी कम से कम आठ मिनट तक अपने घुटने से 46 वर्षीय फ्लॉयड की गर्दन दबाए रखता है। इस दौरान फ्लॉयड सांस रुकने की बात कहता नजर आता है। वीडियो में दिखता है कि इसके बाद उसका हिलना-डुलना और बोलना बंद हो जाने पर भी पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन अपना घुटना नहीं हटाता। यह वीडियो एक राहगीर ने बनाया था। वीडियो में नजर आ रहे सभी चार पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं। फ्लॉयड की मौत के बाद लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।

कई स्थानों पर लूटपाट की घटनाएं भी हो रही हैं। अंत्येष्टि के लिए फ्लॉयड का शव शनिवार को यहां लाया गया था। उन्हें उनकी मां के पास दफनाया गया। बीते दो हफ्ते से फ्लॉयड घर-घर में जाना-पहचाान नाम बना गया और दुनियाभर में नस्लवाद के खात्मे के लिए एक अभियान की पहचान बन गया। सफेद घोड़े वाली घोड़ागाडी में जब फ्लॉयड को सुनहरे ताबूत में अंत्येष्टि के लिए ले जाया जा रहा था तो तेज गर्मी के बावजूद सैकड़ों लोग रास्ते में और अंत्येष्टि स्थल के बाहर खड़े हुए थे।

फ्लॉयड की छह साल की बेटी जियाना भी अपनी मां के साथ इस श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुई, हालांकि वह नहीं जानती है कि उसके पिता की मौत कैसे हुई। फ्लॉयड की याद के सम्मान में टेक्सास सदर्न यूनिवर्सिटी ने उनकी बेटी को पूर्ण स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है। 

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