इस्लामाबाद में चीन ने उठाया कश्मीर का मुद्दा, पाकिस्तान के बचाव में कही ये बात
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 7, 2023 02:33 PM2023-05-07T14:33:25+5:302023-05-07T19:33:05+5:30
इस्लामाबाद में ‘पाकिस्तान-चीन सामरिक वार्ता’ के चौथे दौर के समापन पर दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। इसी दौरान चीन ने शनिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: गोवा में चल हुई शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के लिए जम्मू कश्मीर या श्रीनगर कोई मुद्दा नहीं है। जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा। जयशंकर ने कहा था कि हमारे और पाकिस्तान के लिए POK एकमात्र मुद्दा है। उसे हल करना जरूरी है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 का हटना अब इतिहास बन गया है, जितना जल्दी आ इसे समझ जाएंगे, उतना बेहतर होगा।
अब भारतीय विदेश मंत्री का ये बयान पाकिस्तान के साथ चीन को भी चुभा है। इस्लामाबाद में ‘पाकिस्तान-चीन सामरिक वार्ता’ के चौथे दौर के समापन पर दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। इसी दौरान चीन ने शनिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए। पाकिस्तान के दो दिवसीय दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने शनिवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलवल भुट्टो जरदारी के साथ बैठक की अध्यक्षता की। यह उनकी देश की पहली यात्रा है।
बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा वाली परियोजना सीपीईसी वैध रूप से कब्जाई गई भारत की जमीन (PoK) पर बन रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भारत द्वारा दिए गए किसी भी बयान से चीन तिलमिला जाता है।
सीपीईसी परियोजना को 2013 में शुरू किया गया था। पाकिस्तान की सड़क, रेल और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के नाम पर इस परियोजना को शुरू किया गया था जो चीन के झिनझियांग प्रांत को पाकिस्तान ग्वादर बंदगाह से जोड़ती है। यह परियोजना पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरती है, इसलिए भारत ने इसे कभी मंजूर नहीं किया। पाकिस्तान के कब्जे वाले अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाली रेल परियोजना पर भी चीन काम कर रहा है। इस रेल प्रोजेक्ट को तैयार करने में 57.7 अरब डॉलर की लागत आएगी और चीन की सरकार रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को हर हाल में पूरा करना चाहती है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है जो बीआरआई (Belt and Road Initiative) का हिस्सा है। हालांकि भारत ने हमेशा से इसका विरोध किया है।