अंतरिक्ष दिवसः चीन ने मंगल मिशन का नाम रखा 'तियानवेन-1', इसी साल के अंत में लांच करने की है योजना

By भाषा | Published: April 24, 2020 04:10 PM2020-04-24T16:10:13+5:302020-04-24T16:10:13+5:30

भारत, अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ की तरह चीन भी इसी साल के अंत में मंगल पर 'तियानवेन-1' को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। मालूम हो, चीन ने 'अंतरिक्ष दिवस' के मौके पर अपने मंगल मिशन का नाम 'तियानवेन-1' रखा है।

China named its Mars mission Tianwen-1 | अंतरिक्ष दिवसः चीन ने मंगल मिशन का नाम रखा 'तियानवेन-1', इसी साल के अंत में लांच करने की है योजना

हाल के वर्षों में चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने वाली एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभारत, अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ की तरह चीन भी अपने इस साल के मिशन से मंगल पर पहुंचने की कोशिश करेगा।चीन ने 1970 में इसी दिन अपना पहला उपग्रह दोंग फांग होंग-1 प्रक्षेपित किया था।

बीजिंग: कोरोना वायरस (Coronavirus) वैश्विक महामारी से जूझ रहे चीन ने शु्क्रवार को अपने 'अंतरिक्ष दिवस' के अवसर पर अपने मंगल मिशन का नाम 'तियानवेन-1' रखा। चीन की इसी साल के अंत में मंगल पर 'तियानवेन-1' को प्रक्षेपित करने की योजना है। चीन ने 1970 में इसी दिन अपना पहला उपग्रह दोंग फांग होंग-1 प्रक्षेपित किया था। 

इस साल चीन की इस उपलब्धि को 50 साल पूरे हो गए हैं। भारत, अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ की तरह चीन भी अपने इस साल के मिशन से मंगल पर पहुंचने की कोशिश करेगा। चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने मंगल मिशन का नाम 'तियानवेन' रखा जिसका अर्थ है स्वर्गीय प्रश्न या स्वर्ग से प्रश्न। 

यह चीन के जाने माने कवि कु युआन की लिखी एक कविता है। कु क्वान ने 'तियानवेन' में अपनी कविता के माध्यम से आकाश, सितारों, प्राकृतिक घटनाओं, मिथकों एवं वास्तविक दुनिया को लेकर सवाल पूछे हैं जिनमें पारम्परिक उन्होंने अवधारणाओं और सत्य को पाने की भावना को लेकर अपना संशय भी व्यक्त किया है। 

सरकारी संवाद समिति 'शिन्हुआ' ने बताया कि सीएनएसए ने कहा कि चीन के मंगल ग्रह अन्वेषण संबंधी सभी मिशनों को तियानवेन श्रृंखला के नाम से जाना जाएगा, जो सच का पता लगाने एवं विज्ञान संबंधी अन्वेषण करने और प्रकृति एवं ब्रह्मांड संबंधी खोज के प्रति चीन की दृढ़ता का प्रतीक हैं। 

हाल के वर्षों में चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने वाली एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है। चीन फिलहाल खुद का एक अंतरिक्ष स्टेशन भी बना रहा है। हालांकि चीन इस क्रम में साल 2011 में एक बार असफल हो चुका है जब उसने रूसी अंतरिक्षयान से मंगल पर यिंगहुओ-1 भेजने की कोशिश की थी।

प्रक्षेपण के कुछ समय बाद ही यान रास्ता भटक गया था। अभी तक अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और भारत मंगल पर यान भेजने में सफल रहे है। भारत मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के साथ ही पहला ऐसा एशियाई देश बन गया था जिसने मंगल मिशन में सफलता हासिल की।

Web Title: China named its Mars mission Tianwen-1

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