चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो पर बना लिया पुल, सैटेलाइट तस्वीरों से सच आया सामने, भारत के लिए बड़ा खतरा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 23, 2024 16:32 IST2024-07-23T16:30:22+5:302024-07-23T16:32:20+5:30
यह पुल 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के सबसे संकरे स्थानों में से एक खुरनाक किले के पास बना है। चीन ने जून 1958 में खुरनाक किले के आसपास के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।

PIC CREDIT- डेमियन साइमन (@detresfa_)
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो पर चीन एक पुल बना लिया है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) उपयोगकर्ता डेमियन साइमन द्वारा साझा की गई उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पुल लगभग तैयार है। बीते साल ही ये रिपोर्ट सामने आई थी कि चीन अपने हिस्से की पैंगोंग त्सो पर एक आधुनिक पुल बना रहा है जिससे बड़े सैन्य वाहन भी गुजर सकते हैं। 2021 के सितंबर-अक्टूबर की शुरुआत में क्षेत्र के चारों ओर संरचनाओं के निर्माण की सैटेलाइट तस्वीरें आई थीं।
यह पुल 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के सबसे संकरे स्थानों में से एक खुरनाक किले के पास बना है। चीन ने जून 1958 में खुरनाक किले के आसपास के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। यह पुल पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट को दक्षिणी तट से जोड़ेगा। इसके निर्माण से चीनियों को आगे के क्षेत्रों में आपूर्ति और सामग्री की तीव्र आवाजाही के अलावा, तेजी से सेना को एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाने की सुविधा मिलेगी।
भारत के दावे के मुताबिक यह पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के बहुत करीब है। यह सिरिजाप से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर, जो फिंगर 8 क्षेत्र के ठीक पूर्व में स्थित है। सिरिजाप पर भारत अपना दावा करता है। मई 2020 में पैंगोंग त्सो में झड़प के बाद पुल का निर्माण शुरू हुआ था। इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में एक बड़ी झड़प हुई थी। गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच अब तक तनाव कायम है।
इस पुल पर चीनी सैनिक टैंकों के साथ जा सकेंगे, जो उन्हें रेजांग ला जैसे दक्षिणी किनारे के क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद करेगा। इस पुल के बनने से चीनी सेना के लिए पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे के फिंगर क्षेत्रों तक पहुंच के लिए 180 किमी की दूरी कम हो जाएगी। इसके पहले पीएलए को रुतोंग काउंटी के माध्यम से खुर्नक के दक्षिणी किनारों से होते हुए आना पड़ता था।