अनुच्छेद 370ः कश्मीर पर लगातार बयान बदल रहे हैं बयानवीर पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2019 13:39 IST2019-09-03T13:39:17+5:302019-09-03T13:39:17+5:30
इमरान सरकार के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पहले कहा कि भारत हमें कुछ करने पर मजबूर कर रहा है। इसके बाद कहा कि जम्मू कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। अब कह रहे है कि समूचा पाकिस्तान एकजुट है और देश के स्थायित्व एवं संप्रभुता की रक्षा कर सकता है।

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि समूचा पाकिस्तान एकजुट है और देश के स्थायित्व एवं संप्रभुता की रक्षा कर सकता है।
अनुच्छेद 370 को लेकर पाकिस्तान भनभनाया हुआ है। इमरान सरकार पर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसे जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर समर्थन नहीं मिल रहा है।
चीन को छोड़ कोई भी इसका समर्थन नहीं किया है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान परमाणु हमले की बात कर रहे हैं। इमरान सरकार के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पहले कहा कि भारत हमें कुछ करने पर मजबूर कर रहा है। इसके बाद कहा कि जम्मू कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। अब कह रहे है कि समूचा पाकिस्तान एकजुट है और देश के स्थायित्व एवं संप्रभुता की रक्षा कर सकता है।
यानी विदेश मंत्री साहब हर दिन बयान बदल रहे हैं। इमरान सरकार के मंत्री अलग-अलग बयान दे रहे हैं। कभी परमाणु हमले की बात कर रहे हैं, तो कभी कुछ और कह रहे हैं। कल तक परमाणु की हमले की बात करने वाले इमरान खान की हवा निकल गई है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनका देश कभी भी भारत के साथ युद्ध शुरू नहीं करेगा। खान ने सिख समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हम कभी भी युद्ध शुरू नहीं करेंगे। पाकिस्तान और भारत दोनों परमाणु शक्तियां हैं और अगर तनाव बढ़ा तो दुनिया खतरे का सामना करेगी।”
खान ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं भारत को बताना चाहता हूं कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। युद्ध में जीतने वाले को भी बहुत कुछ गंवाना पड़ता है। युद्ध कई अन्य मुद्दों को जन्म देता है।”
पूरा पाक एकजुट है, अपनी संप्रभुता की रक्षा कर सकता है : कुरैशी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि समूचा पाकिस्तान एकजुट है और देश के स्थायित्व एवं संप्रभुता की रक्षा कर सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने यूरोपीय संघ को दो सितंबर को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने के पाकिस्तान के अनुरोध को मानने से रोकने की व्यर्थ कोशिश की।
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के लिए संविधान के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने दृढ़तापूर्वक कहा है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करना उसका अंदरूनी विषय है और उसके अंदरूनी मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देने और भारत विरोधी भावनाएं भड़काने को लेकर उसने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की।
कुरैशी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री इमरान खान 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में कश्मीर के मामले को सामने रखेंगे तो दुनिया देखेगी। उन्होंने मीडिया की इस खबर का भी खंडन किया कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल नहीं।’’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। ‘डॉन’ अखबार ने कुरैशी के हवाले से खबर दी है, ‘‘भारतीय सीमा के समीप खड़ा होकर मैं हिंदू समुदाय के साथ मोदी सरकार को चेतावनी देता हूं कि पूरा देश एकजुट है और वह देश के स्थायित्व एवं संप्रभुता की रक्षा कर सकता है।’’
कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं: पाक विदेश मंत्री कुरैशी
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जे खत्म करने पर भारत-पाकिस्तान में व्याप्त तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। कुरैशी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार कश्मीर को लेकर भारत के साथ परमाणु युद्ध की संभावना को ले कर धमकी देते रहे हैं।
इस मामले का अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने का उनका प्रयास ज्यादा समर्थन हासिल करने में विफल रहा। भारत ने अपने आंतरिक मुद्दों पर ‘‘गैरजिम्मेदाराना बयान" देने और उकसाने वाली भारत विरोधी बयानबाजी के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है।
भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना उसका आंतरिक मामला है। शनिवार को प्रकाशित बीबीसी उर्दू के साथ एक साक्षात्कार में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी आक्रामक नीति नहीं अपनाई और हमेशा शांति को तरजीह दी।
पाकिस्तान की वर्तमान सरकार ने बार-बार भारत को बातचीत शुरू करने की पेशकश की है क्योंकि दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश जंग में जाने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जोर दिया कि युद्ध कश्मीर मुद्दे से निपटने का विकल्प नहीं है।
उन्होंने दोहराया कि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और यह बस पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय मामला नहीं है। गौरतलब है कि भारत ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द कर दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया। गुरुवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक आलेख में, प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर से चेतावनी दी कि अगर दुनिया ने कश्मीर पर भारत के फैसले को रोकने के लिए कुछ नहीं किया, तो दो परमाणु-हथियार संपन्न देश ‘‘प्रत्यक्ष सैन्य टकराव’’ के करीब पहुंच जाएंगे।
खान ने कहा कि जब वह पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री चुने गए थे, तो उनकी बड़ी प्राथमिकताओं में से एक दक्षिण एशिया में शांति कायम करने के लिए काम करना था। उनका कहना है कि शांति के लिए बातचीत शुरू करने की उनकी सभी कोशिशों को भारत ने अस्वीकार कर दिया।
भारत के लिए हवाईक्षेत्र बंद करने पर अभी नहीं हुआ फैसला: कुरैशी
पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत के लिए हवाईक्षेत्र बंद करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कोई भी फैसला सभी पहलुओं पर विचारविमर्श के बाद लिया जाएगा। कुरैशी ने अंग्रेजी अखबार डॉन की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें भारत के लिए हवाईक्षेत्र बंद करने के कयास लगाए गए थे।
नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (नाद्रा) के दौरे पर आए कुरैशी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लेंगे। कुरैशी का यह बयान विज्ञान एंव तकनीक मंत्री फवाद चौधरी की मंगलवार को ट्विटर पर की गई घोषणा के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के लिए अपना हवाईक्षेत्र और अफगानिस्तात के लिए पाकिस्तान के रास्ते भारतीय कारोबार मार्ग पूरी तरह से बंद करने पर विचार कर रहा है।
बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने फरवरी में अपना हवाईक्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने 27 मार्च को नई दिल्ली, बैंकाक और कुआलालांपुर की उड़ानों को छोड़ कर बाकी के लिए अपना हवाईक्षेत्र खोल दिया था।
पाकिस्तान ने 15 मई को भारत जाने वाले विमानों के अपने हवाईक्षेत्र से गुजरने पर लगी रोक 30 मई तक बढ़ा दी थी। पाकिस्तान ने सभी असैन्य विमानों के लिए 16 जुलाई को हवाईक्षेत्र खोला था। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान ने इस फैसले के विरोध में भारत के साथ राजनयिक संबंध सीमित कर भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया था। पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबार, रेल एवं बस सेवा भी स्थगित कर दी थी।