पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर तंज कसते हुए अमेरिका के सीनियर अधिकारी ने सवाल उठाया कि वे चीन के बारे में कुछ क्यों नहीं कह रहे हैं जिसने करीब 10 लाख वीगर और दूसरे तुर्की भाषा बोलने वाले मुस्लिमों को एक तरह से बंदी बनाकर रखा है। भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के बाद से पाकिस्तान लगातार अपना विरोध अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जताता आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिए इमरान खान इन दिनों न्यूयॉर्क में हैं।
वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन दिनों अमेरिका में मौजूद हैं। बहरहाल, अमेरिका के दक्षिण और केंद्रीय एशिया के कार्यकारी सहायक सचिव एलिस वेल्स ने कहा, 'दोनों परमाणु शक्तियों के बीच तनाव कम होना ही बेहतर है।'
एलिस ने साथ ही यह सवाल भी उठाया कि इमरान खान चीन के बारे में क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं जिसने वीगर मुस्लिमों को बंदी बनाया हुआ है। एलिस ने कहा, 'मैं वैसे ही चिंता पश्चिमी चीन में रह रहे मुस्लिमों के बारे में भी देखना चाहूंगी। इससे मुस्लिमों के मानवाधिकार को लेकर और विस्तार से बात हो सकती है। आप देख रहे होंगे कि यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रशासन बहुत सजग है और पूरे चीन में मुस्लिमों के हालात पर भी प्रकाश डालने की कोशिश कर रहा है।'
बता दें कि चीन के पाकिस्तान से गहरे रिश्ते हैं। हाल में सोमवार को एक कार्यक्रम में इमरान खान से वीगर मुसलमानों की स्थिति को लेकर सवाल भी पूछे गये थे। हालांकि इमरान खान ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि पाकिस्तान का चीन से करीब का रिश्ता है और वह अपने निजी स्तर पर चीन से इस मुद्दे को उठाना पसंद करेगा।
चीन पर वीगर मुसलमानों के इस्लामिक परंपरा के पालन नहीं करने के लिए लगातार दबाव बनाये जाने का आरोप लगता रहा है। वहीं, चीन कहता है कि वह चरमपंथ को रोकने के लिए उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग दे रहा है। इन तमाम विवादों के बीच अमेरिका अभी जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन पर वीगर मुस्लिमों के मुद्दे को लेकर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।