अमेरिका में गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, कई कंपनियां महिला कर्मचारियों के समर्थन में उतरीं

By रुस्तम राणा | Published: June 25, 2022 02:08 PM2022-06-25T14:08:07+5:302022-06-25T14:09:34+5:30

अमेरिका की शीर्ष अदालत ने अपना पांच दशक पुराना फैसला 'रो व वेड' को ही पलट दिया है, जिसके तहत महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी अधिकार था। 

After US' Abortion Ruling, Companies Reach Out To Help Women Employees | अमेरिका में गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, कई कंपनियां महिला कर्मचारियों के समर्थन में उतरीं

अमेरिका में गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, कई कंपनियां महिला कर्मचारियों के समर्थन में उतरीं

Highlightsगर्भपात के लिए कंपनियां अपने महिलाओं कर्मचारियों को देंगी टैवल खर्चयूएस में शीर्ष अदालत ने खत्म कर दिया है गर्भपात का कानूनी अधिकार

न्यूयॉर्क सिटी: दुनिया के सबसे मजबूत देश अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जमकर विरोध हो रहा है। फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। दरअसल, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने वहां गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया है। शीर्ष अदालत ने अपना पांच दशक पुराना फैसला 'रो व वेड' को ही पलट दिया है, जिसके तहत महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी अधिकार था। 

कोर्ट के इस फैसले के बाद कई अमेरिकी कंपनियों ने कहा कि अगर उनकी महिला कर्मचारिओं को गर्भपात सेवाओं के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है तो वे उनकी मदद करेंगी। दरअसल, कोर्ट ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे गर्भपात को लेकर नियम कानून बना सकते हैं। 

अमेजॉन ने अपनी महिला कर्मचारिओं के लिए वैकल्पिक गर्भपात सहित अन्य चिकित्सा सुविधा के लिए दूसरे राज्यों में यात्रा खर्च के लिए 4,000 डॉलर तक का सालाना भुगतान करेगा। इसी तरह ऐप्पल इंक ने कहा है कि उसकी मौजूदा स्वास्थ्य योजना गर्भपात देखभाल और यात्रा लागत को कवर करती है। 

इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट, मेटा प्लेटफॉर्म इंक, वॉल्ट डिज्नी को, नेटफ्लिक्स, सिटीग्रुप इंक, जेपी मॉर्गन चेज एंड को, स्टारवक्स कॉर्प और अमेरिकन एक्सेप्रेस को जैसी अन्य बड़ी कंपनियों इसी प्रकार की घोषणा की है।  

क्या है 'रो व वेड'?

रो व वेड, साल 1973 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चले एक केस का नाम है, जिसे रो बनाम वेड के नाम से जाना जाता है। दरअसल, इस केस में मैककॉर्वी नाम की महिला के दो बच्चे थे जबकि एक गर्भ में था। ऐसे में महिला तीसरे बच्चे को नहीं चाहती थी। उन्होंने गर्भपात के लिए फेडरल कोर्ट का रुख किया लेकिन कोर्ट ने मैककॉर्वी को ऐसा करने से मना कर दिया।

अब महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने मैककॉर्वी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि गर्भ का क्या करना है इसका फैसला महिला को होना चाहिए। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात कराने का कानूनी अधिकार मिल गया था। 

Web Title: After US' Abortion Ruling, Companies Reach Out To Help Women Employees

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