जापान में शिंजो आबे की हत्या के बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने संसद चुनाव में हासिल किया बहुमत, प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा की गद्दी 2025 तक बरकरार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 11, 2022 01:17 PM2022-07-11T13:17:14+5:302022-07-11T13:26:52+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बाद जापान में हुए संसदीय चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसकी सहयोगी कोमैतो ने 248 सदस्यीय सदन में 146 मत हासिल किया, जो बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक हैं।
टोक्यो:जापान में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की दुखद हत्या के बाद संपन्न हुए संसदीय चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी को भारी जीत हासिल हुई है।
चुनाव के बाद बीते रविवार को हुए मतगणना में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसकी सहयोगी कोमैतो ने 248 सदस्यीय सदन में 146 मत हासिल किया, जो बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक हैं।
जापान में इस जीत को पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को जनता की ओर से दी गई श्रद्धांजलि के तौर पर देखा जा रहा है और इस जीत से यह बात सुनिश्चित हो गई है कि मौजूदा प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा साल 2025 तक पीएम पद की गद्दी पर आसीन रहेंगे।
संसद के उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में भारी जीत मिलने के बाद प्रधानमंत्री किशिदा ने बेहद गमगीन तरीके से सबका आभार व्यक्त करते हुए जापान के विकास के प्रति दिवंगत आबे के सपने को पूरा करने की बाद दोहराई।
पूर्व पीएम आबे की हत्या से उबरने और पार्टी को एकजुट रखने के संदर्भ में पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा ने कहा, ‘‘वर्तमान हालात में पार्टी की एकता किसी भी चीज़ से अधिक ज़रूरी है।’’
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश को कोविड-19 से मुक्त कराना, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से जुड़े मसले और बढ़ती कीमतों को कम करना उनकी प्राथमिकताओं में पहले स्थान पर होंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि वह संविधान में सुधार की दिशा में तेजी से काम करेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री आबे की हत्या और उसके बाद हुए आये चुनाव के परिणाम जापान के लिए कई मायनों में नए होंगे। जपाना में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं ने अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को हिंसा से बचाने के लिए एक साथ अवाज बुलंद की है।
पीएम किशिदा ने कहा, ‘‘इतनी बड़ी त्रासदी के बाद हम चुनाव जीते हैं, इसके काफी जटिल मायने हैं। हमारी पूरी कोशिश होगी कि लोकतंत्र में लोगों के विश्वास को फिर से जगाया जाए और हिंसा को देश की दहलीज से दूर रखा जाए, एक तरक्कीशुदा देश के लिए पहली शर्त है कि वो अभिव्यक्ति की आजादी को स्वीकार करे और उसके हिसाब से चलने का प्रयास करे।’’
मालूम हो कि बीते शुक्रवार को जापान के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की जापान के क्योटो शहर के नजदीक नारा शहर में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गईस जब वो इसी चुनाव के लिए सड़क पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
गोली लगने के बाद आबे को हार्ट अटैक भी आया था। आबे को फौरन हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने घंटों प्रयास के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद जापान समेत दुनिया के कई देशों में शोक की लहर पैदा हो गई थी। भारत ने भी शिंजो आबे की दुखद हत्या के शोक में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)