चीन को अमेरिका के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी दिया झटका, बीजिंग विंटर ओलंपिक के ‘राजनयिक बहिष्कार’ का ऐलान
By विनीत कुमार | Published: December 8, 2021 09:49 AM2021-12-08T09:49:07+5:302021-12-08T09:51:42+5:30
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अमेरिकी घोषणा की निंदा करते हुए शिनजियांग में वीगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार का आरोप वाशिंगटन द्वारा 'गढ़ा गया सदी का झूठ' बताया है।
कैनबरा: अमेरिका की तरह अब ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक 2022 के ‘राजनयिक बहिष्कार’ की घोषणा कर दी है। चीन में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर चिंता जताते हुए ऑस्ट्रेलिया ने यह घोषणा की है। कुछ ही दिन पहले अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने भी ऐसी ही घोषणा की थी।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उनके फैसले को चौंकाने वाले के तौर पर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा कर रहा हूं कि क्योंकि ये ऑस्ट्रेलिया के हित में है। यह कदम सही है।'
चीन दे चुका है अमेरिका को धमकी
अमेरिका के फैसले पर मंगलवार को चीन की प्रतिक्रिया आई थी। चीन ने मंगलवार को कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह ओलंपिक भावना के विपरीत है। इसने अमेरिका को ‘ठोस जवाबी कदम’ की भी चेतावनी दी।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन का हवाला देते हुए घोषणा की कि अमेरिका बीजिंग में आयोजित होने जा रहे शीतकालीन ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करेगा।
वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अमेरिकी घोषणा की निंदा करते हुए कहा कि शिनजियांग में वीगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार का आरोप वाशिंगटन द्वारा 'गढ़ा गया सदी का झूठ' है।
उन्होंने कहा कि वैचारिक पूर्वाग्रह, झूठ और अफवाहों के आधार पर अमेरिका बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक को बाधित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह उसके दुर्भावनापूर्ण इरादों को और उजागर करेगा तथा उसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाएगा।
झाओ ने कहा कि अमेरिकी बहिष्कार ओलंपिक चार्टर सिद्धांत के विपरीत है और चीन ठोस जवाबी कदम उठाएगा। चीन के बीजिंग और पड़ोसी हेबेई प्रांत में 4 फरवरी से 20 फरवरी, 2021 तक शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन किया जाना है।
(भाषा इनपुट)