Afghanistan: अफगानिस्तान पर कब्जा के बाद तालिबान ने शिया प्रतिद्वंद्वी अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा गिराई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 18, 2021 08:52 PM2021-08-18T20:52:32+5:302021-08-18T20:53:44+5:30
Afghanistan: मिलिशिया नेता अब्दुल अली मजारी की 1996 में तालिबान ने प्रतिद्वंद्वी क्षत्रप से सत्ता हथियाने के बाद हत्या कर दी थी।
Afghanistan: तालिबान ने 1990 के दशक में अफगानिस्तान गृह युद्ध के दौरान उनके खिलाफ लड़ने वाले एक शिया मिलिशिया के नेता की प्रतिमा को गिरा दिया। सोशल मीडिया पर बुधवार को साझा की जा रही तस्वीरों से यह जानकारी मिली है।
फिलहाल इसमें हताहत होने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बात दें कि तालिबान ने कब्जे किए गए इलाकों में अपने झंडे लगाए हैं जो सफेद रंग का है और उस पर इस्लामी आयते हैं। तस्वीरों में दिख रही प्रतिमा अब्दुल अली मजारी की है। इस मिलिशिया नेता की 1996 में तालिबान ने प्रतिद्वंद्वी क्षत्रप से सत्ता हथियाने के बाद हत्या कर दी थी।
इसके साथ ही तालिबान के अधिक नरम होने के दावे पर भी शंका पैदा हो रही है। तालिबान द्वारा देश पर तेजी से किए गए कब्जे और उसके बाद के घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखी जा रही है। तालिबान दावा कर रहा है कि वह बदल गया है और वह अफगानिस्तान में अपनी पिछली हुकूमत की तरह पाबंदियां नहीं लगाएगा।
उसने विरोधियों से बदला नहीं लेने का भी वादा किया है। लेकिन कई अफगान उनके वादे को लेकर सशंकित हैं। तालिबान लड़ाकों ने बुधवार को काबुल के करीब उस इलाके में बंदूकों के साथ गश्त शुरू की जहां पर कई देशों के दूतावास और प्रभावशाली अफगानों की कोठियां हैं।
Those of us old enough remember that Abdul Ali Mazari was meeting Taliban for peace talks when they captured, killed and threw him out of a helicopter in 1995 https://t.co/KPhDfYRtuE
— Mohammad Taqi (@mazdaki) August 17, 2021
तालिबान ने वादा किया है कि वह सुरक्षा कायम रखेगा लेकिन कई अफगानों को अराजकता का भय है। एक दुलर्भ घटना के तहत, पूर्वी शहर जलालाबाद में दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज के साथ तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह जानकारी स्थानीय निवासी सलीम अहमद ने दी। उन्होंने बताया कि तालिबान ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाई।
After Bamiyan Buddha.. now..
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 18, 2021
Statue of Hazara leader Abdul Ali Mazari in Bamiyan, Afghanistan has been blown up in a blast by the Taliban. Taliban has ethnic hatred and religious prejudice against Hazaras. On March 13, 1995 Mazari was executed by the Taliban after torturing him. pic.twitter.com/2kt9Z7E8bz
मजारी अफगानिस्तान के जातीय हजारा अल्पसंख्यक और शियाओं के नेता थे और पूर्व में सुन्नी तालिबान के शासन में इन समुदायों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। यह प्रतिमा मध्य बामियान प्रांत में थी। यह वही प्रांत है, जहां तालिबान ने 2001 में बुद्ध की दो विशाल 1,500 साल पुरानी प्रतिमाओं को उड़ा दिया था।
ये प्रतिमाएं पहा़ड़ को काटकर बनाई हुई थीं। यह घटना अमेरिका नीत बलों द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता से बाहर किए जाने के कुछ समय पहले हुई थी। तालिबान ने दावा किया था कि इस्लाम में मूर्ति पूजा निषेध है और इन प्रतिमाओं से उसका उल्लंघन हो रहा था।
In Bamyan of Afghanistan, the Taliban exploded a statue of Abdul Ali Mazari, a leader of Hazara ethnic group who was killed by the Taliban in 1996, said local people. For Hazaras, Mazari is a champion in the long Afghan war. pic.twitter.com/W9QB4FCs5J
— Ezzatullah Mehrdad (@EzzatMehrdad) August 18, 2021
तालिबान ने यह भी वादा किया है कि वह अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों की योजना बनाने के लिए नहीं करने देगा। इसका उल्लेख वर्ष 2020 में तालिबान और अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में हुए समझौते में भी है जिससे अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी का रास्ता साफ हुआ।
पिछली बार जब तालिबान सत्ता में था तो उसने अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण दी थी जिसने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए हमले की साजिश रची थी। अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता के बाद अलकायदा और अन्य संगठन फिर से सिर उठा सकते हैं।
Looks like new propaganda is being spun against IEA. Some people claiming by posting first photo that statue of Abdul Ali Mazari is vandalised.
— Mystic Vedette (@North_Star88) August 17, 2021
As I see pictures of statue available on Internet, the structures don't match at all with picture being rotated on twitter. pic.twitter.com/OIHB45rweD
तालिबान ने ‘समावेशी इस्लामिक सरकार’ बनाने का वादा किया है और अफगानिसतान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला-अब्दुल्ला से बात कर रहा है। बुधवार को वायरल हुई तस्वीर में दो लोग अनस हक्कानी से मुलाकात करते दिख रहे हैं, जो तालिबान के वरिष्ठ नेता है। अमेरिका ने वर्ष 2012 में हक्कानी नेटवर्क को आतंकवादी समूह घोषित किया था और भविष्य की सरकार में उसकी भागीदारी से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लग सकते हैं।