यहां पुलिस में भर्ती होने के लिए महिलाओं को देना होता है वर्जिनिटी टेस्ट
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 25, 2018 03:18 PM2018-10-25T15:18:30+5:302018-10-25T15:18:30+5:30
ऑकलैंड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में खुलासा हुआ कि इंडोनेशिया में आधिकारिक तौर पर वर्जिनिटी टेस्ट की अनुमति नहीं है लेकिन उसके बाद भी नैतिकता और फिजिकल टेस्ट के नाम पर महिलाओं को वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है।
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर: दुनिया चाह कितनी भी प्रोग्रेसिव हो जाए लेकिन महिलाओं को लेकर लोगों की नजरिए में कोई बदलाव नहीं नजर आता है। बात चाहे भारत की करे या विदेशों की हर जगह महिलाओं को एक जैसी दिक्कतों का ही सामान करना पड़ता है। इंडोनेशिया से महिलाओं से जुड़ी एक ऐसी ही खबर आई है। खबर के अनुसार, अगर वहां पर कोई महिला पुलिस में भर्ती होना चाहती है तो पहले उसे 'टू फिंगर' टेस्ट देना होता है। यानी कि पहले ये चेक किया जाता है कि महिला वर्जिन है या नहीं।
ऑकलैंड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में खुलासा हुआ कि इंडोनेशिया में आधिकारिक तौर पर वर्जिनिटी टेस्ट की अनुमति नहीं है लेकिन उसके बाद भी नैतिकता और फिजिकल टेस्ट के नाम पर महिलाओं को वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है। ह्यूमन राइट्स वॉच के एंड्रियाज हार्सोनो का कहना है कि इंडोनेशिया पुलिस का मानना है कि सोसाइटी सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं या सेक्स वर्क्स को पुलिस के रूप में नहीं देखना चाहती है। पुलिस अधिकारी ये भी तर्क देते हैं कि पुलिस में केवल अच्छी लड़कियों की ही भर्ती होनी चाहिए।
'टू फिंगर' वर्जिनिटी टेस्ट से गुजर चुकी इंडोनिशया की जाकिया ने ह्यूमन राइट्स वॉच को बताया, पिछले साल जब उन्होंने पुलिस ऑफिसर की पोस्ट के लिए आवेदन किया तो वह इस टेस्ट में फेल हो गई। जब भी मैं उस पल को याद करती हूं तो मुझे रोना आ जाता है। मेरी जीने की इच्छा ही खत्म हो जाती है।
जाकिया वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने की वजह भी बताती हैं। वो एक मार्शल आर्ट एथलीट हैं। उन्हें लगता है कि पिछले कुछ सालों में उन्होंने बहुत सारा एक्सरसाइज किया, जिसकी वजह से उनका हाइमन टूट गया होगा। टेस्ट के दौरान उन्हें पुलिस ऑफिसरों को काफी समझाने की कोशिशि को वो वर्जिन हैं लेकिन उनलोगों ने जाकिया की बात नहीं मानी। ह्यूमन राइट्स वॉच के एंड्रियाज हार्सोनो का दावा है कि इंडोनेशिया मिलिट्री में भी यह प्रैक्टिस जारी है। और वहां टेस्ट करने वाले 70 फीसदी मेडिकल स्टाफ पुरुष है।