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वीडियो: जब इंदिरा गांधी ने धाराप्रवाह फ्रेंच बोलकर दिए विदेशी पत्रकार को जवाब, बताया कैसे सीखी ये भाषा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 8, 2018 14:47 IST

Indira Gandhi's interview video: इंदिरा गांधी 1966 में लालबहादुर शास्त्री के असामयिक निधन के बाद देश की तीसरी प्रधानमंत्री बनी थीं। उनके पिता जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। इंदिरा के बेटे राजीव गांधी भी देश के प्रधानमंत्री बने।

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ठळक मुद्देइंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के घर हुआ था।लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद जनवरी 1966 में इंदिरा गांधी पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनी थीं।

सोशल मीडिया पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक फ्रांसीसी पत्रकार को दिया इंटरव्यू छाया हुआ है। ख़ास बात यह है कि इस साक्षात्कार में इंदिरा धाराप्रवाह फ्रेंच में विदेशी पत्रकार से बात कर रही हैं। जनवरी, 1969 में लिए गये इस इंटरव्यू का पूरा वीडियो आप नीचे देख-सुन सकते हैं। ब्रूट इंडिया ने यह वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। वीडियो में अंग्रेजी सबटाइटल दिया हुआ है।

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के घर हुआ था। उनके दादा मोतीलाल नेहरू भी प्रसिद्ध वकील और कांग्रेस के बड़े नेता थे। लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद जनवरी 1966 में इंदिरा गांधी पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनी थीं। इंदिरा भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। इंदिरा 1967 के आम चुनाव में बहुमत हासिल करके दोबारा देश की प्रधानमंत्री बनीं। कांग्रेस जब दो फाड़ में बँट गयी तो ज्यादा पार्टी सांसदों और नेताओं ने इंदिरा का साथ दिया।

साल 1971 के आम चुनाव में जीत हासिल कर के इंदिरा तीसरी बार देश की पीएम बनीं। जून 1975 से मार्च 1977 तक इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक आपातकाल लगा दिया। नतीजा ये हुआ कि 1977 के आम चुनाव में इंदिरा के नेतृत्व में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 1980 में हुए लोक सभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की और चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। उनके सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर इंदिरा गांधी की हत्या कर दी। इंदिरा के निधन के बाद उनके बेटे राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने थे। नीचे पढ़ें इंदिरा गांधी के इंटरव्यू का टेक्स्ट-

आप किस राष्ट्रीय समस्या से सबसे ज्यादा चिंतित रहती हैं? जिसके बारे में आप बाद में कह सकें कि 'मैंने इस हल कर दिया'?हमारी सबसे बड़ी चिंता सामाजिक न्याय और समाज के सभी वर्गों की आर्थिक बेहतरी है। जाहिर है कि ऐसी समस्याओं को तत्काल या पूरी तरह हल किया जाना मुमकिन नहीं। इस दिशा में हम पहले से ही आगे बढ़ रहे हैं और इस तरफ आगे बढ़ने वाला हर क़दम हमें अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।

क्या आपके महिला होने से आपको फैसलों पर कोई असर पड़ता है?नहीं। क्योंकि ये हर किसी की समस्याएं हैं। 

आप कम उम्र से ही राजनीति से जुड़ी रही हैं, खासकर आपके पिता पंडित नेहरू के साथ। क्या आपको कभी प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने का पछतावा होता है?पहली बात ये कि केवल मेरे पिता राजनीति में नहीं थे। मेरी माँ, मेरे दादा, मेरी दादी, मेरे आंटी, अंकल, चचेरे भाई-बहन पूरा परिवार रजानीति में था। मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन यह अद्भुत भी है। मेरे पास इतना समय ही नहीं है कि मैं इसे त्यागने के बारे में सोचूँ।

लेकिन क्या आप कभी निराश नहीं होती?नहीं, क्योंकि मैं आशा से भरी हुई हूँ। और मुझे भारतीय अवाम और अपने देश के भविष्य पर पूरा भरोसा है। 

क्या आपको ऐसा कभी नहीं लगता कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इसे संभालना मेरे लिए लगभग असंभव है?कुछ भी असंभव नहीं है। मुझे ठीक से याद नहीं कि यह रसाइन (फ्रांसीसी नाटककार) या किस का विचार है, कि "जो अपने पिता का प्रतिशोध लेते हैं उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं।" इसी तर्ज पर मैं कहना चाहूँगी कि "जो अपने देश की सेवा करते हैं उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।"

भारत और फ्रांस के परस्पर संबंधों की आपके लिए कितनी अहमियत या क़ीमत है? क्या आप इससे जुड़ाव महसूस करती हैं?मुझे फ्रांस और फ्रांसीसी संस्कृति पसंद है और मैं इसकी सराहना करती हूँ। हमारे आपसी संबंध अच्छे हैं और हम इसे बहुत ज्यादा अहमियत देते हैं। 

नीचे देखें इंदिरा गांधी का फ्रांसीसी पत्रकार से इंटरव्यू का वीडियो-

क्या आप कभी फ्रांस गयी हैं?हाँ, कई बार।

क्या आपको पता है कि 1968 के आखिर में एक जाने-माने फ्रांसीसी अखबार ने अपने पाठकों के बीच एक सर्वेक्षण कराया था। उस सर्वेक्षण के अनुसार फ्रांस के लोगों की पसंदीदा महिला चुना गया था।हाँ, मैंने सुना था।

ओह्ह आपको पता है?हाँ।

क्या आप अपनी प्रसिद्धि के बारे में बहुत चिंता करती हैं? राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर।जाहिर तौर पर यह सब सुनकर अच्छा लगता है लेकिन सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति को ऐसी टिप्पणियों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए। चाहे वो आपकी तारीफ में हों या इसके उलट हों।

हम सब जानना चाहेंगे कि आप ने कब और किन परिस्थितियों में फ्रेंच भाषा सीखी? मैं स्विट्ज़रलैंड में रहती थी। मैंने किसी क्लीस में फ्रेंच नहीं सीखी। मैंने आसपास सुनकर यह भाषा सीख ली, जिसे अंग्रेजी में कहते हैं भाषा को पिक-अप कर लेना।

आपने सुन-सुन कर फ्रेंच सीख ली?हाँ, मैंने सुन-सुन कर फ्रेंच सीख ली। मुझे भाषाएँ सीखना बेहद पसंद है। इस तरह मैंने फ्रेंच सीखी।

क्या आप कभी-कभी फ्रेंच पढ़ती भी हैं?मैं पहले पढ़ती थी लेकिन दुर्भाग्यवश आजकल मुझे खाली समय बहुत कम मिलता है।

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