यूपी: "मुस्लिम महिलाओं का ब्यूटी पार्लर में मेकअप कराना 'शरीयत' के खिलाफ और 'गुनाह' है", सहारनपुर के मुफ्ती असद कासमी ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 17, 2023 04:29 PM2023-11-17T16:29:36+5:302023-11-17T16:43:55+5:30
यूपी के सहारनपुर के रहने वाले मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसे ब्यूटी पार्लर में जाना हराम है, जहां पुरुष काम करते हों। उन्होंन कहा कि मुस्लिम महिलाओं को उन ब्यूटी पार्लरों में जाने से सख्त परहेज करना चाहिए क्योंकि यह 'शरीयत कानून' के खिलाफ और उस लिहाज से गुनाह भी है।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक मुफ्ती ने मुस्लिम महिलाओं के संबंध में ऐसी अजीब-ओ-गरीब टिप्पणी की है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। जी हां, बकौल मुफ्ती असद कासमी मुस्लिम महिलाओं को ब्यूटी पार्लर में जाने से परहेज करना चाहिए।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार सहारनपुर के रहने वाले मुफ्ती असद कासमी ने शुक्रवार को कहा कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसे ब्यूटी पार्लर में जाना हराम है, जहां पुरुष काम करते हों। उन्होंन कहा कि मुस्लिम महिलाओं को उन ब्यूटी पार्लरों में जाने से सख्त परहेज करना चाहिए क्योंकि यह 'शरीयत कानून' के खिलाफ और उस लिहाज से गुनाह भी है।
मुफ्ती कामसी ने कहा कि अगर मुस्लिम महिलाओं को मेकअप करना जरूरी हो तो वह ऐसे ब्यूटी पार्लरों में जाकर मेकअप करा सकती हैं, जहां काम करने वाली केवल महिला कर्मचारी हों।
मालूम हो कि कुछ वर्ष पहले भी सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं को लेकर एक बेहद अजीब फतवा जारी किया था। देवबंद के उस उस फतवे में कहा गया था कि मुस्लिम महिलाओं की हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाना 'नाजायज' है।
उस वक्त देवबंद फतवा विभाग के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा था कि दारुल उलूम को ये फतवा काफी पहले ही जारी कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस्लाम में महिलाओं के लिए आइब्रो बनवाने और बाल काटने की इजाजत नहीं है। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो वह इस्लाम के खिलाफ काम कर रही है और इसे गुनाह माना जाना चाहिए।
मौलाना लुतफुर्रहमान ने कहा था, "मुस्लिम महिलाओं का ब्यूटीपार्लर जाना सही नहीं है। जिस तरह पुरुषों का दाढ़ी कटवाना नाजायज है, उसी तरह महिलाओं का बाल कटवाना और आइब्रो बनवाना भी हराम है।"