एक रुपये में इडली खिलाने वाली 82 वर्षीय अम्मा एम कमलातल को अब चूल्हा और फूंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोयंबटूर की दादी अम्मा को केंद्र सरकार ने गैस चूल्हा और सिलेंडर दिया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी। जिसके बाद अम्मा ने आज (14 सितंबर) को पहली बार गैस चुल्हा पर इडली पर बनाई है। कमलातल ने कहा, मैं 82 साल की हूं और मुझे नहीं पता कि मैं और कितने दिन जिंदा रहूंगी। मेरे परिवार में कोई नहीं है। मैं अकेले हूं। मैं सुबह 5:30 से दिन के 12 बजे तक काम करती हूं। मुझे किसी भी तरह के मुनाफे की कोई चाह नहीं है। मैं अपनी बस जिंदगी जी रही है। मैं हर दिन 400 से 500 इडली बेचती हूं।''
अधिकारियों की टीम कमलाताल अम्मा के छोटे से होटल में पहुँची उन्हें गैस चूल्हा और कमर्शियल सिलेंडर देने के साथ-साथ उन्हें इस बात की ट्रेनिंग भी दी गई कि गैस चूल्हे को आखिर कैसे जलाया जाता है और उस पर इडली कैसे पकाई जा सकती है।
एक रुपये की इडली वाली कमलातल सालों से सांभर, चटनी के साथ लोगों को एक रुपये में इडली खिलाती आ रही हैं। सोशल मीडिया पर ये एक रुपये की इडली वाली अम्मा के रूप में फेमस हैं। केंद्र सरकार ने अम्मा के वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें गैस चुल्हा दिया है। इससे पहले अम्मा लकड़ी चूल्हे पर इडली पकाती थी।
कमलातल अपने ठीहे पर पिछले 30 साल से लोगों की भूख शांत करने के लिए सस्ती इडली का यह अनोखा व्यापार कर रही हैं। इस उम्र में भी वह सांभर-नारियल की चटनी के साथ रोजाना करीब 600 इडली एक रुपये के हिसाब से ही बेच रही हैं। उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रह गए हैं।
शुरुआत में वह 25 पैसे में इडली बेचती थीं। चावल, उड़द दाल, नारियल की लागत बढ़ने से उन्होंने इडली की कीमत उन्होंने अब एक रुपये कर दी है। उनके लिए यह एक तरह से सामाजिक व्यापार है। इसमें मुनाफा से अधिक सेवा भाव जुड़ा है।
कमलातल सवेरे चार बजे उठकर अकेले सारी तैयारी में जुट जाती हैं। उनकी दुकान पर छात्रों, सरकारी और निजी कंपनियों कर्मचारियों, ड्राइवरों एवं दिहाड़ी मजदुरों की भीड़ रहती हैं। इन्हीं के बीच में किसी ने उनकी इडली की दुकान के बारे में सोशल मीडिया पर डाल दिया और बात वायरल होते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के प्रमुख आनंद महिंद्रा तक पहुंच गयी। (पीटीआई इनपुट के साथ)