'राम जन्मभूमि की जगह हॉस्पिटल क्यों नहीं बनता', सुब्रमण्यम स्वामी ने दिया इस सवाल का जवाब, वायरल हुआ वीडियो
By पल्लवी कुमारी | Published: October 16, 2019 12:40 PM2019-10-16T12:40:06+5:302019-10-16T12:40:06+5:30
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (15 अक्टूबर) को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई थी।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में रोजाना सुनवाई का बुधवार (16 अक्टूबर) को शाम पांच बजे समापन हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में मामले के 40वें दिन आज सुनवाई हो रही है। मामले में सुनवाई के 40वें दिन प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अब बहुत हो गया, इस मामले में सुनवाई आज ही पूरी होगी। इसी बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हैशटैग #राममंदिर_निर्माण के साथ इस वीडियो को काफी शेयर किया जा रहा है। हैशटैग #राममंदिर_निर्माण के साथ लोगों से अपील की जा रही है कि जब-तक सुप्रीम कोर्ट फैसाल ना आए ट्वीट करते रहें।
राममंदिर को लेकर आपने ये कई बार सूना होगा कि हिंदू-मुस्लिम का विवाद छोड़ो और वहां हॉस्पिटल बना दो। इस सवाल का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी इस वायरल वीडियो में दिख रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी वीडियो में कहते दिख रहे हैं, कई लोग कहते हैं कि राम जन्मभूमि पर हॉस्पिटल क्यों नहीं बना दिया जाता। सत बताऊं तो प्रभु चावला के दोस्त जो अभी इंडिया टूडे में हैं, जिनका नाम राजदीप सर देसाई है, उन्होंने भी मेरे से पूछा था कि वहां एक हॉस्पिटल क्यों नहीं बनााय दिया जाता। तो उनको मैंने कहा, जो वहां हॉस्पिटल बनवाना चाहते हैं उनको मेंटल हॉस्पिटल जाने की जरूरत है।''
This Man🔥🔥🔥
— KISHAN (@kishanpappu72) October 16, 2019
Epic reply @Swamy39 sir.... It must be enough to silence the liberal gang👏👏👏
"For those who want hospital at Lord Ram's Birthplace must get themselves a mental hospital across Saryu River"😂😂
Jai Shri Ram! #राममंदिर_निर्माणpic.twitter.com/aCy2Wi42q3
जानें क्या है राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Dispute): अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 से पहले 2.77 एकड़ के भूखंड के 0.313 एकड़ हिस्से में यह विवादित ढांचा मौजूद था जिसे कारसेवकों ने गिरा दिया था। इसके बाद देशभर में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे। सरकार ने 1993 में एक कानून के माध्यम से 2.77 एकड़ सहित 67.703 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी। इसमें रामजन्म भूमि न्यास उस 42 एकड़ भूमि का मालिक है जो विवादरहित थी और जिसका अधिग्रहण कर लिया गया था। 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है।