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समस्तीपुरः अमेरिका नहीं बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप?, आधार कार्ड के साथ आवेदन जमा!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2025 16:13 IST

Samastipur: बिहार के समस्तीपुर जिले में ‘डोनाल्ड ट्रंप’ का आवासीय प्रमाण-पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया, जिसे राजस्व विभाग ने खारिज कर दिया।

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ठळक मुद्देअब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस आवेदन के पीछे कौन था और इसका मकसद क्या था?पटना, मोतिहारी, नवादा सहित अन्य जिलों से भी इसी तरह के फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले सामने आए हैं।कुत्ते के फोटो के साथ “डॉग बाबू” नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार भी हुआ है।

Samastipur:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही भारत पर अधिक से अधिक टैरिफ लगाने में व्यस्त हों, लेकिन उन्होंने बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन दे कर सनसनी फैला दी है। दरअसल, बिहार में समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया गया है। आवेदनकर्ता ने फोटो और नाम में हेरफेर कर डोनाल्ड ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड भी तैयार किया था, जिसे आवेदन के साथ जमा किया गया। इस फर्जीवाड़े का पता चलते ही महिला राजस्व पदाधिकारी ने तुरंत जांच शुरू कर दी, और जिला प्रशासन ने भी कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस आवेदन के पीछे कौन था और इसका मकसद क्या था?

मामले की गहन जांच जारी है। वैसे बिहार में यह पहला ऐसा मामला नहीं है। बीते कुछ दिनों में पटना, मोतिहारी, नवादा सहित अन्य जिलों से भी इसी तरह के फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने के मामले सामने आए हैं। पटना में एक कुत्ते के फोटो के साथ “डॉग बाबू” नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार भी हुआ है।

मोतिहारी में अभिनेत्री मोनालिसा की तस्वीर के साथ “सोनालिका ट्रैक्टर” नाम से आवेदन किया गया था, जबकि नवादा में “डोगेश बाबू” नाम से फर्जी कुत्ते का सर्टिफिकेट बनवाने की कोशिश हुई। सभी मामलों में साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और पुलिस तथा प्रशासन द्वारा व्यापक जांच और कार्रवाई की जा रही है।

ताकि इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सके। अधिकारियों का कहना है कि निवास प्रमाण पत्र जैसी महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों की साख को बनाए रखना प्राथमिकता है और इसके लिए तकनीकी और प्रशासनिक उपाय भी मजबूत किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है, ताकि शरारत करने वाले व्यक्ति का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया जा सके।

एक बयान में प्रशासन ने कहा कि आवासीय प्रमाण-पत्र के लिए 29 जुलाई को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किया गया था और राजस्व विभाग के संबद्ध अधिकारी ने ‘‘इसे चार अगस्त को खारिज कर दिया।’’ आवेदन में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की तस्वीर के साथ उन्हें जिले के हसनपुर गांव का निवासी बताया गया था। ऐसा लगता है कि शरारत करने वाले ने इंटरनेट पर थोड़ी खोजबीन की थी।

क्योंकि माता-पिता का नाम फ्रेडरिक क्राइस्ट ट्रंप और मैरी ऐनी मैकलियोड बताया गया था, जो अमेरिकी राष्ट्रपति के क्रमश: पिता और माता हैं। प्रशासन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए यह किया गया।

जून में निर्वाचन आयोग द्वारा एसआईआर की व्यापक कवायद शुरू किये जाने के बाद से राज्य में इस तरह की यह चौथी घटना है। हाल में, ग्रामीण पटना और नवादा में क्रमशः 'डॉग बाबू' और 'डॉगेश बाबू' नाम से आवेदन प्राप्त हुए थे। पूर्वी चंपारण जिले में, एक भोजपुरी अभिनेत्री की तस्वीर के साथ 'सोनालिका ट्रैक्टर' के नाम से एक आवेदन प्राप्त हुआ था।

उपरोक्त सभी मामलों में आवेदन खारिज कर दिये गए हैं और संबंधित थानों में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। समस्तीपुर जिला प्रशासन ने यह भी कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता को देखते हुए, उपयुक्त जांच और कार्रवाई के लिए समस्तीपुर के साइबर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक खबर साझा की, जिसमें कहा गया था कि आवेदन के संबंध में ‘‘प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘यह सबसे बड़ा सबूत है कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण एक धोखाधड़ी है, जिसका उद्देश्य वोट चुराना है। कांग्रेस और राहुल गांधी इस साजिश को विफल करने के लिए लड़ रहे हैं।

ऐसी स्थिति में चुप रहना एक अपराध है। आइए हम सब अपनी आवाज उठाएं और लोकतंत्र के प्रहरी बनें।’’ इस पर, समस्तीपुर प्रशासन ने कहा, ‘‘प्रमाण-पत्र कभी जारी ही नहीं किया गया। किसी ने जानबूझकर ऐसा आवेदन किया था और जांच के दौरान उसे खारिज कर दिया गया। इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गई है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।’’

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