पापुआ न्यू गिनी दौरे पर पीएम मोदी ने मेहमानों की लंच की मेजबानी, परोसे गए मलाई कोफ्ता, मालपुआ, खांडवी..जानें खाने के मेन्यू कार्ड
By भाषा | Published: May 22, 2023 02:03 PM2023-05-22T14:03:35+5:302023-05-22T14:13:40+5:30
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में भारत सरकार के कहने पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया था। मोटा अनाज मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक है।
पोर्ट मोरेस्बी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां मध्याह्न भोजन के दौरान हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं की सोमवार को मेजबानी की है। मध्याह्न भोजन में भारतीय व्यंजनों और मोटे अनाज को विशेष रूप से शामिल किया गया है। मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ मिलकर यहां अहम शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। बता दें कि पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
मध्याह्न भोजन में नेताओं ने क्या खाया
इस मध्याह्न भोजन के दौरान नेताओं ने खांडवी, मोटे अनाज एवं सब्जियों के सूप, मलाई कोफ्ता, राजस्थानी रागी गट्टा करी, दाल पंचमेल, बाजरा बिरयानी, फुल्का और मसाला छाछ का आनंद लिया। यही नहीं पान कुल्फी और मालपुआ भी परोसा गया था। इस दौरान पेय पदार्थों में मसाला चाय, ग्रीन टी, पुदीने की चाय और ताजा पीसी गई पीएनजी की कॉफी को भी शामिल किया गया है।
मध्याह्न भोजन में मोटे अनाज को शामिल किया जाना भारत द्वारा इसे दी जाने वाली महत्ता को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में भारत सरकार के कहने पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया था। मोटा अनाज मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक है।
क्यों खास है मोटा अनाज
इसे शुष्क भूमि पर बहुत कम निवेश के साथ उगाया जा सकता है और जलवायु परिवर्तन के लिहाज से भी इसकी खेती उपयुक्त है। इसकी खेती आत्म निर्भरता बढ़ाने और आयातित खाद्यान्नों पर निर्भरता को कम करने का उचित समाधान है। मोटा अनाज बाजरा प्रोटीन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है तथा रक्त शर्करा एवं कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।