पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का फेवरेट टॉपिक और इंटरेस्ट है- इंडिया और यहां की गतिविधियां। इमरान खान का ट्विटर हैंडल इस बात की तस्दीक करता है। इमरान खान ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की पदयात्रा वीडियो वाले एक ट्वीट को रीट्वीट करते अंतराष्ट्रीय समुदाय को एक बार फिर कहा कि वह संघ की गतिविधियों को लेकर आंख खोले। यही नहीं, इमरान खान ने कहा कि अब तक के सबसे बड़े नरसंहार की ओर आरएसएस कदम बढ़ा रहा है।
इमरान खान ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, ''सभी नरसंहारों को बौना साबित करने के लिए मुस्लिमों के नरसंहार की ओर आरएसएस के बढ़ते कदम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आंखें खोल लेना चाहिए। जब भी एक निश्चित समुदाय से नफरत पर आधारित हिटलर की भूरी शर्ट वाली नागरिक सेना या आरएसएस बनी, उसने हमेशा नरसंहार किया।''
इमरान खान ने सुचित्रा विजयन नाम के ट्विटर यूजर के ट्वीट को रीट्वीट किया। सुचित्रा ने ट्वीट में लिखा था, ''यह तेलंगाना का आरएसएस का मार्च है। वे लामबंद हो रहे हैं। आरएसएस, एसएस की वैचारिक संतान है। वे खाकी वर्दी में नाजी हैं। अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चुप रहता है- आप जारी हिंसा का समर्थन कर रहे हैं।''
इमराम खान के इस ट्वीट पर यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि इमरान खान का ध्यान पाकिस्तान से ज्यादा भारत पर है।
कुनाल चित्तर नाम के यूजर ने लिखा, "पाकिस्तान का प्रधानमंत्री होते हुए भी यह आदमी अपने देश से ज्यादा हमारे मामलों में ज्यादा रुचि रखता है। मोदी को कभी ट्विटर पर ऐसे ओछे कमेंट करते हुए नहीं देखा।''
कीर्ति तिवारी नाम की यूजर ने लिखा, ''मुझे वाकई लगता है कि इन्हें लगता है कि लाठी पकड़ना और बंदूक पकड़ना एक ही बात है। आरएसएस- भारत का चेहरा। आतंकवाद- पाकिस्तान का चेहरा।''
इमरान खान के ट्वीट के जवाब में ज्यादातर यूजर्स ने भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया है, उनमें से कुछ लोगों ने संतुलित भाषा में जो कमेंट किए हैं, वे कुछ इस प्रकार हैं-RSS is not based on hatred towards any community. You can find Muslims even working in the RSS and wearing this uniform.
बता दें कि 25 अक्टूबर को तेलंगाना के हैदराबाद में आरएसएस ने स्वयं सेवकों का मार्च निकाला, जिसे पदयात्रा का नाम दिया था। आरएसएस ने शहर में तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया। देशभर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच आरएसएस के मार्च की सोशल मीडिया पर कुछ यूजर आलोचना कर रहे थे। इस बीच संघ स्वयं सेवकों द्वारा हाथ में लाठी लेकर मार्च करने पर भी सोशल मीडिया पर सवाल उठे।