निर्भया के दरिंदों को फांसीः ट्विटर पर तुलसीदास की चौपाई का जिक्र कर बोले लोग, कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा

By रामदीप मिश्रा | Published: March 20, 2020 08:34 AM2020-03-20T08:34:33+5:302020-03-20T08:35:01+5:30

निर्भया गैंगरेप केसः चलती बस में निर्भया के साथ छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा, घायल कर दिया और चलती बस से नीचे सड़क पर फेंक दिया था। 16 दिसंबर 2012 को हुई इस घटना ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया था और निर्भया के लिए न्याय की मांग करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए थे।

Nirbhaya case: Four convicts executed, twitter reactions, Nirbhaya Justice, Nirbhaya Nyaya Divas, Tihar Jail | निर्भया के दरिंदों को फांसीः ट्विटर पर तुलसीदास की चौपाई का जिक्र कर बोले लोग, कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा

निर्भया के दरिंदों को फांसी। (फाइल फोटो)

Highlightsराष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई।इस मामले की 23 वर्षीय पीड़िता को ‘‘निर्भया’’ नाम दिया गया जो फिजियोथैरेपी की छात्रा थी।

नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी। पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों... मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। 

इस मामले की 23 वर्षीय पीड़िता को ‘‘निर्भया’’ नाम दिया गया जो फिजियोथैरेपी की छात्रा थी। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई। इस जेल में 16,000 से अधिक कैदी हैं। चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और बृहस्पतिवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली। चारों दोषियों को फांसी होने के बाद आम लोगों में खासा उत्साह देखा गया है। ट्विटर पर लोगों ने एक आम राय शेयर करते हुए कहा है कि आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। 

रितेश रोहिणी नाम के ट्विटर के यूजर ने ट्वीट कर कहा, 'आज 7 साल बाद निर्भया के मानवाधिकार का हिसाब हुआ। आज मां के आंसुओं का हिसाब हुआ। आज उसके शरीर और आत्मा पर हर चोट का हिसाब हुआ।'











बता दें सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई। अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। दोषियों को फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आखिरकार न्याय हुआ और अब महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी। अपने आवास पर आशा देवी ने संवाददाताओं से कहा कि न्याय में विलंब हुआ लेकिन उन्हें न्याय मिला। 

उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों के लिए न्याय की खातिर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। आशा देवी ने कहा ‘‘हम उच्चतम न्यायालय से दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में अपराधी बचाव के लिए किसी तरह की तिकड़म न अपना सकें।’’ उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी के बाद अब महिलाएं निश्चित रूप से खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। निर्भया के पिता ने कहा ‘‘न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।’’ 

चलती बस में निर्भया के साथ छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे बुरी तरह पीटा, घायल कर दिया और चलती बस से नीचे सड़क पर फेंक दिया था। 16 दिसंबर 2012 को हुई इस घटना ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया था और निर्भया के लिए न्याय की मांग करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए थे। करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी के लिए जूझने के बाद अंतत: सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ दिया था। 

इस मामले में मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह सहित छह व्यक्ति आरोपी बनाए गए। इनमें से एक अवयस्क था। मामले के एक आरोपी राम सिंह ने सुनवाई शुरू होने के बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। अवयस्क को सुनवाई के बाद दोषी ठहराया गया और उसे सुधार गृह भेज दिया गया। तीन साल तक सुधाार गृह में रहने के बाद इस किशोर को 2015 में रिहा कर दिया गया। दोषी ठहराए गए मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को आज सुबह फांसी दे दी गई। 

Web Title: Nirbhaya case: Four convicts executed, twitter reactions, Nirbhaya Justice, Nirbhaya Nyaya Divas, Tihar Jail

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