अभिनेता ने किया ट्वीट- गोडसे ने खतना कराई और अब्दुल्ला बनकर गांधी की हत्या कर दी, आने लगे ऐसे कमेंट्स
By अनिल शर्मा | Published: October 18, 2021 01:36 PM2021-10-18T13:36:42+5:302021-10-18T13:38:37+5:30
केआरके ने लिखा- यह बंदूक (pistol) 1945 में अंग्रेजों ने गोरखपुर मठ के महंत दिग्विजय नाथ को दी थी! जिसकी चोरी की रिपोर्ट तीन दिन बाद ही लिखा दी गई थी! और इसी बंदूक से गोडसे ने 1948 में बापू गांधी जी की हत्या की थी! यानि की बापू की हत्या का षड्यंत्र 3 साल पहले रचा गया था!
नाथुराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या किए जाने को लेकर अभिनेता कमाल आर खान ने कहा कि गोडसे ने खतना कराया था और अपने हाथ पर अब्दुल्ला नाम गुदवाया। इसके बाद उसने गांधी की हत्या कर दी। और यह अफवाह फैलाया गया कि एक मुस्लिम ने गांधी की हत्या कर दी। कमाल खान यानी केआरके ने ट्विटर पर इन बातों को लिखते हुए उस बंदूक की तस्वीर भी साझा की है जिससे महात्मा गांधी की हत्या की गई थी।
केआरके ने इस बाबत दो ट्वीट किए हैं। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा- नाथुराम गोडसे (Nathuram Godse) ने अपनी खतना कराई और हाथ पर अब्दुल्ला (Abdullah) गुदवाकर 30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या कर दी थी! अफवाह उड़ाई गई थी कि एक मुस्लिम ने बापू की हत्या कर दी! संयोगवश गोडसे पकड़ा गया और पहचान हो गई! इस तरह से देश में एक हिन्दु मुस्लिम प्रायोजित दंगा होने से बच गया!
केआरके ने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि जिस बंदूक से गांधी की हत्या की गई उसे अंग्रेजों ने गोरखपुर के महंत दिग्विजय नाथ को दी थी। केआरके ने कहा कि गांधी को मारे जाने का षड्यंत्र उनकी हत्या के 3 साल पहले से रची जा रही थी।
केआरके ने लिखा- यह बंदूक (pistol) 1945 में अंग्रेजों ने गोरखपुर मठ के महंत दिग्विजय नाथ को दी थी! जिसकी चोरी की रिपोर्ट तीन दिन बाद ही लिखा दी गई थी! और इसी बंदूक से गोडसे ने 1948 में बापू गांधी जी की हत्या की थी! यानि की बापू की हत्या का षड्यंत्र 3 साल पहले रचा गया था!
केआरके के इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया देने लगे और कई लोगों ने कमाल खान को ट्रोल करने की कोशिश की। एक यूजर ने लिखा- ठीक है मार दिया लेकिन गोडसे ने गांधी को मारा क्यों वो भी तो बता दो। एक ने लिखा कि 1945 में ही उड़ा देना चाहिए था, तीन साल बर्बाद किया। एक अन्य ने लिखा- अब इतिहासकारों को सुसाइड कर लेना चाहिए।अपने यहाँ के नचनिये भी अब इतिहास पढ़ाते हैं।
गौरतलब है किनथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में एक प्रार्थना सभा के दौरान हत्या कर दी थी। यह उसका पहला प्रयास नहीं था। वो काफी पहले से इसकी योजना बना रहा था जिसमें नारायण आप्टे, विष्णु करकरे, गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा के साथ अन्य लोग भी शामिल थे।