करीब 2 महीने में जापानी स्कूल के पूल प्रभारी ने कल खोलकर बहा दिए 4000 टन पानी, जब जल विभाग ने दिया $27,000 का बिल तो शिक्षकों के उड़ गए होश
By आजाद खान | Published: April 23, 2022 01:21 PM2022-04-23T13:21:37+5:302022-04-23T13:25:38+5:30
पूल प्रभारी की भारी गलती के कारण अब स्कूल को 35 लाख येन यानी $27,000 का बिल चुकाना पड़ेगा वरना पानी का कनेक्शन कट जाएगा।
टोक्यो: मध्य जापान के कानागावा प्रान्त के योकोसुका में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पर एक स्कूल के पूल रखरखाव के प्रभारी की अधूरी जानकारी के कारण स्कूल को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। जानकारी के मुताबिक, स्कूल के पूल रखरखाव के प्रभारी के मन में यह गतल धारणा बस गई थी कि ताजा पानी से कोरोना नहीं फैलता है। इस बात पर अमल करते हुए पूल प्रभारी ने जून के अंत से लेकर सितंबर के शुरूआत तक कल को खोलता रहा और पूल के पानी को बहने देता रहा था। पूल प्रभारी के इस काम से स्कूल को भारी नुकसान हुआ है और
पानी का बहुत बड़ा बिल आया है जो अब चर्चा का मुद्दा बन गया है।
क्या है पूरा मामला
स्थानीय शिक्षा बोर्ड के एक अधिकारी अकीरा कोजिरी ने एएफपी को बताया कि पूल प्रभारी को कहां से यह जानकारी मिली थी कि पूल में हर रोज पानी बदलने से कोरोना का प्रभाव कम होगा और इससे बचा भी जा सकता है। इस पर पूल प्रभारी ने अमल किया और करीब दो महीने तक पूल का पानी बदलता रहा। दो महीने के समय में वह हर रोज हर समय पूल का पानी बहाकर नया पानी कल से भरता था। कल से लगातार पानी गिरते देखने पर अन्य स्टाफ जब कल को बंद कर देते थे तब वह फिर कल को खोल देता था और पानी को बहने देता था।
स्कूल को आया $27,000 का पानी का बिल
कोरोना के प्रति डर और अधूरी जानकारी ने स्कूल को भारी नुकसान पहुंचाया है। पूल प्रभारी के पानी के इस्तेमाल के कारण स्कूल को जल विभाग से 35 लाख येन यानी $27,000 का बिल आया है। इस बिल को स्कूल को अब चुकाना होगा नहीं तो पानी के कनेक्शन के कट जाने का डर रहेगा। बताया जा रहा है कि करीब दो महीने में ही पूल प्रभारी ने 4,000 टन पानी को बर्बाद किया है जिससे इस पूल को 11 बार भरा जा सकता था। मामले के सामने आने के बाद स्थानीय अधिकारी अब इस बिल को पूल प्रभारी और शिक्षक के वेतन से भरने की बात कह रहे हैं।