15 मिनट तक पानी से भरे वाशिंग मशीन में डूबा रहा मासूम, डेढ़ साल के बच्चे ने यूं मौत को दी मात
By अंजली चौहान | Published: February 15, 2023 05:16 PM2023-02-15T17:16:40+5:302023-02-15T17:20:32+5:30
डॉक्टरों के अनुसार, साबुन वाले पानी से बच्चे के अंगों को काफी नुकसान पहुंचा था। उसे इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस, केमिकल न्यूमोनिटिस, केमिकल स्टॉक जैसी समस्याएं हो गई थी।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में मासूम बच्चे के साथ एक भयानक घटना घाटित होने के बारे में जानकर आपकी रूह कांप जाएगी। एक डेढ़ साल का मासूम बच्चा जिसके वाशिंग मशीन में गिरने के कारण उसकी जान पर बन आई। बच्चा साबुन और पानी से भरी वाशिंग मशीन में गिर गया और वह करीब एक हफ्ते तक कोमा में चला गया। इतने बड़े हादसे के बाद भी बच्चा मौत और जिंदगी की जंग में जीत गया और वह ठीक हो गया है।
जहां एक ओर बच्चे के हादसे का शिकार होने के कारण सभी की उम्मीद टूटती जा रही थी वहीं, बच्चा पूरी अस्पताल में एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अब खतरे से बाहर आ गया है और अपने परिवार के साथ घर आ गया है।
दरअसल, मासूम जब वाशिंग मशीन में गिरा तो घर में किसी को इसके बारे में पता नहीं चला और करीब 15 मिनट तक वह पानी में ही डूबा रहा। जब घरवालों को इसकी सूचना हुई तो वह आनन-फानन में बच्चे को लेकर अस्पताल भागे। मशीन से निकालने के बाद बच्चे का पूरा बदन नीला पड़ गया था।
वह करीब सात दिनों तक कोमा और वेंटीलेटर पर रहा। बाद में 12 दिनों तक वार्ड में रहा और आखिरकार डॉक्टरों ने उसे बचा लिया। बच्चा वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती था। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चा अब स्वस्थ है।
कैसे हुई घटना?
जानकारी के अनुसार, वाशिंग मशीन का ढक्कन खुला हुआ था। बच्चे की मां इस दौरान मशीन छोड़कर कमरे में चली गई और जब वह लौटी तो बच्चा मशीन के अंदर गिर गया था। बच्चा घर में ही खेल रहा था और अचानक खेलते-खेलते वह कुर्सी पर चढ़कर मशीन में गिर गया। डॉक्टरों के अनुसार, 15 मिनट तक साबुन वाले पानी में डूबने कारण उसके शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा। साबुन के कारण बच्चे को काफी नुकसान हो गया, जिसके कारण वह पूरा नीला पड़ गया था।
डॉक्टरों के अनुसार, साबुन वाले पानी से बच्चे के अंगों को काफी नुकसान पहुंचा था। उसे इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस, केमिकल न्यूमोनिटिस, केमिकल स्टॉक जैसी समस्याएं हो गई थी। इसके कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और शरीर में साबुन वाला पानी मुंह के जरिए जाने से सांस लेने में कई तरह की परेशानी हो रही थी। डॉक्टरों का मानना है कि बच्चे का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे को बचाने के लिए दिन-रात लगाकर उसका इलाज किया गया, जिससे वह बच गया। बच्चा धीरे-धीरे सामान्य हो गया है और अपनी मां को पहचानने लगा है। बच्चे को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और अगर जरूरत पड़ी तो डॉक्टर सामान्य तौर पर उसका इलाज जारी रखेंगे।