इनकम टैक्स ने 500 रुपये दिहाड़ी कमाने वाले मजदूर को भेजा 37.5 लाख रुपये का नोटिस, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 21, 2022 06:00 PM2022-08-21T18:00:57+5:302022-08-21T18:06:22+5:30
इनकम टैक्स विभाग ने बिहार के खगड़िया के रहने वाले मजदूर गिरीश यादव को 37.5 लाख रुपये का नोटिस भेजा है। गिरीश ने बताया कि वो दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है और पूरे दिन मेहनत करके 500 रुपये कमा पाता है।
खगड़िया:बिहार में इनकम टैक्स विभाग ने एक ऐसा कारनामा किया है, जिसे सुनने और जानने के बाद लोगों का होश उड़ जा रहा है। जी हां, इनकम टैक्स विभाग ने एक ऐसे शख्स को लाखों का नोटिस थमा दिया है, जो किसी तरह से अपनी जिंदगी की गाड़ी को खिंच रहा है। जानकारी के मुताबिक खगड़िया जिले के एक दिहाड़ी मजदूर को आयकर विभाग ने 37.5 लाख रुपये की बकायेदारी का नोटिस भेजा है।
बताया जा रहा है कि नोटिस मिलने के बाद 500 रुपये दिहाड़ी कमाने वाले मजदूर गिरीश यादव कभी नोटिस को तो कभी खुद को देख रहे हैं। खगड़िया जिले के मघौना गांवके रहने वाले गिरीश यादव ने इनकम टैक्स के नोटिस को अपने साथ ठगी बता रहे हैं। उनका कहना है कि दिनभर मजदूरी करके वो किसी तरह से 500 रुपये का नोट देख पाते हैं और उसी 500 के नोट में अपना पूरा घर चलाते हैं। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स का नोटिस मिलने का मतलब है कि किसी ने उनके साथ बहुत बड़ी जालसाजी की है।
गिरीश यादव 37.5 लाख रुपये का नोटिस हाथ में थामे इंसाफ पाने के लिए सीधे अलौली पुलिस थाना पहुंचे। जहां थाने के सिपाहियों ने भी 37.5 लाख रुपये नोटिस की बात जानने के बाद गिरीश यादव की ओर संशय की नजर से देखने लगे। गिरीश ने थाने में खुद को 500 रुपये के दिहाड़ी का मजदूर बताते हुए पुलिस वालों से पूछा कि भला वो कैसे लाखों रुपये की कमाई कर सकता है और अगर करता तो क्या उसके बाद मजदूरी करता।
पुलिस वालों ने भी गिरीश यादव की दलील में हामी भरी और उसके बाद उसकी शिकायत पर केस दर्ज किया। इस संबंध में अलौली थाना के प्रभारी पुरेंद्र कुमार ने कहा, "हमने गिरीश यादव की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया यह मामला धोखाधड़ी का लगता है।"
थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायतकर्ता गिरीश यादव ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसे नोटिस पैन नंबर के आधार पर मिला है। एसएचओ पुरेंद्र कुमार ने कहा, "गिरीश का कहना है कि वह दिल्ली में मजदूरी का काम करता है, जहां उसने एक बार एक दलाल के जरिए पैन कार्ड बनवाने की कोशिश की थी पर उसके बाद उससे कभी नहीं उसकी मुलाकात हुई।"
थानाध्यक्ष पुरेंद्र कुमार ने कहा, "इसके अलावा नोटिस में गिरीश को राजस्थान स्थित एक कंपनी से जुड़े होने की बात कही गई है। लेकिन उनका कहना है कि वह तो कभी राजस्थान गया ही नहीं है। इसलिए हमें मामले में जालसाजी का अंदेशा है और हम जांच भी इसी दिशा में कर रहे हैं।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)