इस भारतीय शादी में दूल्‍हा होता है घर पर, बहन लेती है दुल्हन के साथ फेरे

By रजनीश | Published: May 26, 2019 01:27 PM2019-05-26T13:27:47+5:302019-05-26T13:27:47+5:30

इस परंपरा में अगर किसी की बहन नहीं है तो उसके घर की कोई दूसरी अविवाहित लड़की भी दुल्हन के घर जा सकती है।

In These Villages Bride Marries Groom's Sister To Protect Him | इस भारतीय शादी में दूल्‍हा होता है घर पर, बहन लेती है दुल्हन के साथ फेरे

यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।

इतने बड़े भारत देश में राज्यों और जिलों की अपनी अलग-अलग संस्कृति और परंपराएं हैं। एक तरफ जहां सभी के अपने त्योहार और उनको मनाने के तरीके होते हैं वहीं सभी जगहों के शादी के रीति-रिवाज भी भिन्न होते हैं। विवाह से जुड़ी ऐसी ही एक अनोखी परंपरा गुजरात के आदिवासी इलाकों की है। अधिकतर आपने सुना होगा कि दूल्हा बारात लेकर जाता है लेकिन यहां दूल्‍हे के बारात जाने का रिवाज नहीं है। दूल्हा अपने घर पर ही रहता है..

शादी की इस अनोखी परंपरा में दूल्हे की जगह उसकी अविवाहित बहन दूल्‍हे के रूप में सारी रस्‍में अदा करती है। अगर किसी की बहन नहीं है तो दूल्‍हे के परिवार की कोई और अविवाहित लड़की दूल्‍हे की तरफ से जाती है। दूल्‍हा घर पर अपनी मां के साथ रहता है लेकिन उसकी बहन दुल्‍हन के यहां जाती है और उससे शादी करती है। बाद में जैसे बाकी जगह दूल्हा, दुल्हन के साथ अपने घर वापस आता है उसी तरह लड़की दुल्हन के साथ घर वापस आती है। इस शादी में दूल्‍हा शेरवानी, साफा पहनकर पूरी तरह से तैयार होता लेकिन अपनी ही शादी में शामिल नहीं हो पाता।

सुरखेड़ा गांव के कांजीभाई राठवा कहते हैं, 'आम तौर पर सारी पारंपरिक रस्‍में जो दूल्‍हा निभाता है वह उसकी बहन करती है। यहां तक कि 'मंगल फेरे' भी बहन ही लेती है।' कांजीभाई का कहना है कि यह परंपरा यहां के सिर्फ तीन गांवों में ही है। जिन गांवों में इस परंपरा को मनाते हैं उनका मानना है कि इस मान्यता का पालन न करने से कुछ न कुछ अशुभ होता है। 

परंपरा के पीछे की कहानी 
सुरखेड़ा गांव के ही मुखिया रामसिंहभाई राठवा कहते हैं कि जब किसी ने भी इस परंपरा को न मानने का प्रयास किया है तो उनका नुकसान हुआ है। कई बार लोगों की शादी टूट गई तो किसी का वैवाहिक जीवन सुखद नहीं रहा। ऐसी ही कई समस्याएं होती हैं। 

पंडितों का कहना है कि यह परंपरा आदिवासी संस्‍कृति की पहचान है। इसका पालन प्राचीन समय से चलता आ रहा है। एक कहानी के मुताबिक, तीन गांवों- सुरखेड़ा, सानदा और अंबल के ग्राम देवता कुंवारे हैं और उन्‍हें सम्‍मान देने के लिए दूल्‍हे को घर पर ही रखा जाता है। मान्‍यता है कि ऐसा करने से दूल्‍हे सुरक्षित रहते हैं।

Web Title: In These Villages Bride Marries Groom's Sister To Protect Him

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