IIT प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी ने हिंदू धर्म को बताया 20वीं सदी की पैदाइश, ट्विटर पर छिड़ गई बहस

By आदित्य द्विवेदी | Published: October 5, 2019 11:28 AM2019-10-05T11:28:36+5:302019-10-05T11:28:36+5:30

एक टीवी चैनल में डिबेट के दौरान दिव्या द्विवेदी ने कहा कि जातिवाद की खाई कम करने के लिए 20वीं सदी में हिंदू धर्म की शुरुआत हुई थी। इस बयान को ट्विटर यूजर्स ने आड़े हाथों लिया है।

IIT assistant professor Divya Dwivedi tells Hinduism the birth of the 20th century in a ndtv debate show, viral on twitter | IIT प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी ने हिंदू धर्म को बताया 20वीं सदी की पैदाइश, ट्विटर पर छिड़ गई बहस

एनडीटीवी में एक डिबेट शो के दौरान दिव्या द्विवेदी और हिंडोल सेनगुप्ता (साभार- एनडीटीवी)

Highlightsदिव्या ने कहा- जातिवाद की खाई कम करने के लिए 20वीं सदी में हिंदु धर्म की शुरुआत हुई थी।दिव्या ने कहा कि क्या हम बिना गांधी के राजनीतिक भविष्य के बारे में सोच सकते हैं।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी अपने एक बयान की वजह से ट्विटर पर ट्रोल हो रही हैं। एक टीवी चैनल में डिबेट के दौरान उन्होंने कहा कि जातिवाद की खाई कम करने के लिए 20वीं सदी में हिंदु धर्म की शुरुआत हुई थी।

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के जरिए यह छिपाने की कोशिश की गई कि निम्न जाति के लोग ही इस देश में बहुमत में हैं। दिव्या ने कहा कि हिंदुत्व की इस अवधारणा को महात्मा गांधी ने बल दिया। उन्होंने कहा कि क्या हम राजनीति में एक नई शुरुआत कर सकते हैं और बिना गांधी के देश के राजनीतिक भविष्य के बारे में सोच सकते हैं।

दिव्या के इस बयान का जवाब देते हुए लेखक हिंडोल सेनगुप्ता ने कहा कि अभी तक वामपंथी बोलते थे कि हिंदु धर्म 19वीं सदी में पैदा हुआ। अब दिव्या बोल रही हैं कि 20वीं सदी में।

उन्होंने कहा कि क्या पता कल को कोई आए और कह दे कि हिंदु धर्म 2014 में पैदा हुआ या 2019 में। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि गांधी के बिना भारत के राजनीतिक फलक की कल्पना भी की जा सकती है।

दिव्या का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक नई बहस छिड़ गई है। स्वराज राज योगी ने लिखा कि भारत में हिंदु मेजोरिटी है इसलिए ये खुलकर अपनी बात रख रही हैं। ये बुरखा पहनकर किसी मुस्लिम देश में अपनी विद्वता नहीं दिखा सकती।

हीराकेश चंद्र रॉय ने लिखा कि आईआईटी दिव्या द्विवेदी जैसी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती क्यों करने लगा? एक यूजर ने एनडीटीवी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनडीटीवी की तारीफ करनी पड़ेगी जो ऐसे लोगों को खोज लाता है जिनके पास हिंदू धर्म के लिए कोई भी थियरी होती है।

अभिषेक ने ट्विटर पर दिव्या के बयान की तारीफ की है। संदीप मुखर्जी ने लिखा कि दिव्या जैसी सोच ने इस देश में घृणा को बढ़ावा दिया है। कई यूजर्स ने दिव्या के कपड़ों पर भी टिप्पणियां की।

लेखक, इतिहासकार और आईआईटी दिल्ली में असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता राकेश द्विवेदी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। 

Web Title: IIT assistant professor Divya Dwivedi tells Hinduism the birth of the 20th century in a ndtv debate show, viral on twitter

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