शर्मनाक! थाईलैंड में नौसेना अधिकारी ने ट्रेनी को फिश सॉस के साथ वीर्य पीने को किया मजबूर, की गई बड़ी कार्रवाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 5, 2022 03:36 PM2022-05-05T15:36:09+5:302022-05-05T15:55:05+5:30
रॉयल थाई नेवी के वाइस एडमिरल पोक्क्रोंग मोन्थफैलिन ने शुक्रवार को कथित दुर्व्यवहार के लिए सिपाहियों और उनके परिवारों से माफी मांगी है।

शर्मनाक! थाईलैंड में नौसेना अधिकारी ने ट्रेनी को फिश सॉस के साथ वीर्य पीने को किया मजबूर, की गई बड़ी कार्रवाई
थाईलैंड में एक ट्रेनी मरीन्स को कथित तौर पर एक नौसेना अधिकारी द्वारा फिश सॉस के साथ वीर्य पीने के लिए मजबूर करने का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद नौसेना अधिकारी को जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि यह शर्मनाक घटना पिछले साल अक्टूबर में घटी थी जो अब उजागर हुआ है।
वायरल क्लिप को चोन बरी के सट्टाहिप जिले में स्थित नौसैनिक प्रशिक्षण शिविर में अक्टूबर में रिकॉर्ड गया था। लेकिन यह पिछले हफ्ते सामने आया। वीडियो में कथित तौर पर एक नौसेना प्रशिक्षक को फिश सॉस के साथ वीर्य पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उसे दंड के रूप में ऐसा करने को मजबूर किया गया। रॉयल थाई नेवी के एक प्रवक्ता ने बैंकॉक पोस्ट को बताया कि पेटी ऑफिसर सेकेंड क्लास तकसिन नोगोकपिलाई पर अपराधी होने का आरोप है और उसे 30 दिनों के लिए हिरासत में लिया गया है।
नोगोकपिलाई को बाद की तारीख में सेवा से छुट्टी दे दी जाएगी, जबकि उनके वरिष्ठ अधिकारियों- रॉयल थाई मरीन कॉर्प्स के सुरक्षा विभाग के कमांडर और विभाग की कमान और सेवा कंपनी के प्रमुख- को भी क्रमशः सात दिनों और 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। बैंकॉक पोस्ट के अनुसार, पिछले अक्टूबर के वीडियो में दिखाए गए सिपाहियों को हाल ही में सेना में छह महीने पूरे करने के बाद छुट्टी दे दी गई थी।
थाईलैंड में सैन्य भर्ती के लिए लॉटरी प्रणाली चलती है। भर्ती के लिए 21 साल की उम्र या इससे अधिक होना अनिवार्य है। लॉटरी में अगर थाई पुरुष को लाल कार्ड मिलता है तो इसका मतलब उसे दो साल तक सेवा देगा। वहीं ब्लैक कार्ड वालों को छूट मिलती है। वैकल्पिक रूप से, पात्र ड्राफ्टी स्वेच्छा से सेवा करने का अनुरोध कर सकते हैं, इस स्थिति में उनकी सेवा को छोटा कर दिया जाएगा।
बता दें कि रॉयल थाई नेवी के वाइस एडमिरल पोक्क्रोंग मोन्थफैलिन ने शुक्रवार को कथित दुर्व्यवहार के लिए सिपाहियों और उनके परिवारों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि नौसेना की कभी भी हिंसा को दंड देने के साधन के रूप में इस्तेमाल करने की नीति नहीं रही है।