Cultural Fest Virasat 2024: राम लाल आनंद कॉलेज में कला प्रेमियों के लिए 5 दिवसीय उत्सव का सज रहा मंच
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 11, 2024 05:03 PM2024-03-11T17:03:38+5:302024-03-11T17:04:23+5:30
Cultural Fest Virasat 2024: पहला कार्यक्रम जो 2 फरवरी से शुरू होकर 4 दिनों तक चला, वह कला प्रेमियों को इकट्ठा करने का एक प्रयास था।
Cultural Fest Virasat 2024: महानगरों की भाग दौड़ भरी जिंदगी में संस्कृति लोगों को उनके जड़ों से जोड़कर रखने का काम करती है। भारतीय संस्कृति के मूल्यों की व्यापकता की समझ विद्यार्थियों में जगाने के लिए "स्पीक माइक समिति" को अपने सांस्कृतिक उत्सव विरासत 2024 की घोषणा करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है। जो कारवां फरवरी में उत्साह के साथ शुरू हुआ था, वह मार्च में आप सभी के समक्ष नए रंगों में प्रस्तुत होने जा रहा है। हमारा पहला कार्यक्रम जो 2 फरवरी से शुरू होकर 4 दिनों तक चला, वह कला प्रेमियों को इकट्ठा करने का एक प्रयास था।
जिसमें हमने श्री पूर्ण चंद्र मोहन द्वारा पट्ट चित्र के बारे में सीखा और सीपियों से रंग बनाने के पारंपरिक तरीकों के बारे में भी जाना। हमने यह भी जाना की पट्ट चित्र की कला में कैथा के गोंद का उपयोग मोहनजोदड़ो सभ्यता के समय से ही होता आ रहा है। कला प्रेमियों को एक साथ जोड़ने की भावना के साथ हम 11 मार्च 2024 से पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत करने जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ 11 मार्च 2024 को शाम 4:00 बजे कॉलेज के एम्फिथिएटर में रागनी चंद्रशेखर के मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रस्तुति के साथ होगा। जहां गायत्री सेठ (नट्टुवंगम), एम चंद्रशेखर (मृदंगम) और के वेंकटेश्वरन अपने सुरों से शमां बांधेंगे। जिनका साथ देने के लिए रोहित प्रसन्ना बांसुरी की धुन बजाएंगे।
इसके बाद कुतुब मीनार की हेरिटेज वॉक होगी। जिसमें डॉक्टर स्वप्ना लिडल इस खूबसूरत ऐतिहासिक इमारत के इतिहास के किस्सों से हमें रूबरू करवाएंगी। अगले हीं दिन 13 मार्च 2024 को शाम 4:00 से पंडित भुवनेश कोमाली के गायन का कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में चेतन निगम हारमोनियम बजाएंगे और शंभूनाथ भट्टाचार्य तबला वादक के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
क्योंकि यह कार्यक्रम सांस्कृतिक उत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है, इसलिए संस्कृति को बढ़ावा देते हुए 14 मार्च 2024 को हमारे द्वारा "खंडहर"फिल्म की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिसमें प्रोफेसर मतीन अहमद चर्चाकार के रूप में एम्फिथिएटर में 1:30 बजे से छात्रों के समक्ष प्रस्तुत रहेंगे। ब्रह्मकुमारी रमा जी सुबह 11:30 बजे विद्यार्थियों को आध्यात्मिक व्याख्यान देंगी।
हमारे इस पांच दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव का समापन भी शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम के साथ होगा। जहां पंडित राजेंद्र प्रसन्ना बांसुरी बजाएंगे और उनके साथ तबले पर अभिषेक मिश्रा और तानपुरा पर शहजाद रशीद होंगे। आगामी सांस्कृतिक उत्सव "विरासत 2024" में कार्यक्रमों का आयोजन दर्शकों को हमारे इतिहास और संस्कृति के करीब लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। जिसमें विद्यार्थियों को कला के उन विभिन्न रूपों को देखने का अवसर मिलेगा जिन्हें जीवित रखने के लिए कलाकार कठोर अभ्यास करते हैं और संस्कृति के प्रति अपना समर्पण दिखाते हैं।