WB: माध्यमिक परीक्षा में भी छाया फिल्म Pushpa Raj का क्रेज, छात्र ने आंसर पेपर पर आंसर के बजाय लिखा "पुष्पा, पुष्पा राज, आपुन लिखेगा नहीं- साला"
By आजाद खान | Published: April 6, 2022 09:26 AM2022-04-06T09:26:17+5:302022-04-06T09:54:38+5:30
आपको बता दें कि शिक्षकों पर बोर्ड द्वारा 28 अप्रैल से पहले सभी आंसर पेपर जमा करने का दबाव है।
कोलकाता: लोगों पर फिल्म पुष्पा राज का खुमार कुछ इस कदर छा गया है कि अब इस फिल्म का डायलॉग हर जगह देखने को मिल रहा है। एक तरफ इसके मीम्स ने इंटरनेट की दुनिया में भुचाल मचा दिया है तो वहीं लोग इस पर कई वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर चुके हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल के माध्यमिक परीक्षा के दौरान सामने आया है जहां पर छात्र द्वारा परीक्षा पत्र में फिल्म का डायलॉग लिखा गया है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में माध्यमिक परीक्षा खत्म हुई है, ऐसे में वहां पेपर चेक किया जा रहा ताकि जल्द ही रिजल्ट जारी किया जा सके। पेपर चेक के दौरान इस तरीके की बात निकल कर सामने आ रही है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की माध्यमिक परीक्षा के पेपर चेक के दौरान शिक्षकों को छात्रों द्वारा हौरान कर देने वाले आंसर पेपर मिल रहे हैं। एक खबर के अनुसार, एक शिक्षक को छात्र का एक आंसर पेपर मिला है, जिस पर कुछ आंसर लिखा हुआ नहीं है। छात्र ने आंसर की जगह फिल्म पुष्पा राज के डायलॉग को लिखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र ने आंसर पेपर पर पहले फिल्म का नाम पुष्पा राज लिखा फिर नीचे उस फिल्म के डायलॉग "पुष्पा, पुष्पा राज, आपुन झुकेगा नहीं- साला" को अपने अंदाज में लिखा है। छात्र ने आंसर पेपर पर लिखा है, "पुष्पा, पुष्पा राज, आपुन लिखेगा नहीं- साला"। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि माध्यमिक परीक्षा के आंसर पेपर में आंसर के बजाय कुछ और न लिखा हो। इससे पहले भी आंसर पेपर में आपनी मुसिबत को बयान करने वाले और आंसर पेपर के साथ पैसे देने का भी मामला सामने आया है।
दो साल के बाद हुई परीक्षा
आपको बता दें कि कोरोना के चलते राज्य में दो साल बाद बोर्ड ने पहले बार इस तरह से परीक्षा ली है। लेकिन इतना समय मिलने के बाद भी छात्रों ने पढ़ाई न करके ऐसी ही परीक्षा में शामिल हो गए और आंसर की जगह फिल्म के डायलॉग लिख रहे हैं। गौरतलब है कि बोर्ड के तरफ से शिक्षकों पर दबाव है कि पेपर को जल्दी चेक करे और 28 अप्रैल तक इसे जमा करें। इस सख्ती के बीच पेपर को सही से चेक करने का भी शिक्षकों पर प्रेशर बना रहता है। ऐसे में यह मामले ज्यादा सामने आते हैं।