संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। तस्वीर में प्रियंका गांधी के प्रदर्शन में शामिल लोगों में से एक के हाथ में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला नारा लिखा हुआ प्लेकार्ड दिखाई दे रहा है लेकिन इससे पहले कि आप इस तस्वीर पर यकीन करें, इसकी हकीकत के बारे में आपको रूबरू हो जाना चाहिए।
टीओआई की खबर के मुताबिक, एक पाठक ने व्हॉट्सऐप के जरिये उनसे इस फोटो की सच्चाई के बारे में पूछा था, जिसके बाद फैक्ट चेक किया गया।
दरअसल, प्रियंका गांधी ने बीते 16 दिसंबर को केंद्र सरकार की नीतियों और हाल के फैसलों के खिलाफ दिल्ली स्थित इंडिया गेट पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों संग प्रदर्शन किया था। वह हाल में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का विरोध करने पहुंची थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, फोटो की सच्चाई जानने के लिए पहले प्रियंका गांधी और फिर कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट चेक किया गया। हालांकि, कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से उसी विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें 16 दिसंबर को ट्वीट की गई थीं लेकिन यह तस्वीर उनमें से नहीं थी। इसके बाद इंटरनेट पर असल तस्वीर को खोजना शुरू किया गया।
'Priyanka Gandhi India Gate' कीवर्ड डालने पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा साझा की गई तस्वीर सामने आई जोकि उसी तस्वीर से मेल खाती है।
तस्वीर को जूम करने पर पता चला के प्रियंका गांधी के पीछे एक महिला ने प्लेकार्ड हाथ में पकड़ा हुआ था। प्लेकार्ड पर जो नारा लिखा दिखाई दिया, वह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले नारे से एकदम उलट था। दअसरल, प्लेकार्ड पर नारा लिखा था, ''लाठी-गोली नहीं, रोजगार-रोटी दो।''
कुछ यूजर्स ने उस प्रदर्शन की तस्वीरें ट्वीट की थीं, जिनसे सच्चाई के करीब पहुंचने में काफी मदद मिली।
तस्वीर की पड़ताल में सोशल मीडिया में वायरल हो रही मुस्लिम राष्ट्र की मांग वाली तस्वीर फर्जी निकली, जिसे फोटोशॉप जैसे किसी एडिटिंग टूल से एडिट कर साझा किया गया होगा। हम नफरत फैलाने वाले ऐसे कृत्य की निंदा करते हैं और अपील करते हैं कि कृपया नफरत भरी किसी भी फर्जी सामग्री को वायरल न करें।