बदायूं: लॉकडाउन के दौरान एक और जहां पुलिस की मदद करते हुए कई तस्वीर सामने आई है तो वहीं कुछ तस्वीरें ऐसी भी आई है, जहां पुलिस ने बेवजह लोगों को परेशान किया है। ऐसा ही एक वीडियो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से सामने आया है। जहां एक पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ युवकों को पीठ पर बैग बांधे सड़क-सड़क पर बैठ कर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। वीडियो के सामने आने के बाद यूपी पुलिस की जमकर आलोचना की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में जो युवक दिख रहे हैं वे मजदूर हैं और लॉकडाउन के बीच काम-धंधा बंद होने के बाद अपने घर लौटकर जा रहे थे। 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच देश में यातायात के सारे साधन बंद हैं। इसलिए दिहाड़ी मजदूर जिनके काम बंद हो गए हैं, वह पैदल अपने घर जाने को विवश हैं। कोई यातायात साधन न होने के कारण वे पैदल ही घर पहुंचने के लिए निकले हैं और रास्त में पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए रोक रही है। ऐसा ही कुछ बदायूं में भी हुआ। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ये युवक मध्य प्रदेश ग्वालियर से बदायूं के लिए 300 किलोमीटर पैदल सफर पर निकले थे।
वीडियो वायरल होने के बाद बदायूं SSP ने मांगी माफी
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले पर बदायूं के एसएसपी एके त्रिपाठी ने कहा कि वीडियो में जो पुलिसकर्मी दिख रहा है वह एक प्रोबेश्नर है, जिसको सिर्फ एक साल का तजुर्बा है। सीनियर अफसर मौजूद थे लेकिन कुछ और काम देख रहे थे। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। बदायूं पुलिस प्रमुख एके त्रिपाठी ने कहा- ''मैं इसके लिए माफी मांगता हूं और जो हुआ उसके लिए शर्मिंदा हूं।''